महिला सिपाही के इस्तीफे की गुत्थी उलझी
पीएसी के कमांडेंट और डीजी कार्यालय के विरोधाभाषी दावे के बीच नियमों की जटिलता ने महिला सिपाही के इस्तीफे की गुत्थी को उलझा दिया है।
मुरादाबाद : नवीं वाहिनी पीएसी के कमांडेंट और डीजी कार्यालय के विरोधाभाषी दावे के बीच नियमों की जटिलता ने महिला सिपाही के इस्तीफे की गुत्थी को उलझा दिया है।
मुरादाबाद की नवीं वाहिनी पीएसी में प्रशिक्षण ले रही बहराइच की महिला सिपाही अद्यना सिंह आठ अगस्त को को घर गई, इसके बाद अब तक वह वापस नहीं लौटी हैं। पड़ताल करने के बाद पता चला कि महिला सिपाही ने इस्तीफा दे दिया है। यह दावा करते नवीं वाहिनी पीएसी के कमांडेट ने संभावना जताई कि प्रशिक्षु को अध्यापक की नौकरी मिली है। 18 अगस्त को प्रकरण प्रकाश में आने के बाद घटना का संज्ञान उत्तर प्रदेश पुलिस के डाइरेक्टर जनरज ओपी सिंह ने ले लिया। उन्होंने मातहतों से महिला सिपाही के प्रकरण की तह तक जाने को कहा। पहली बार डीजीपी कार्यालय को बताया गया कि 17 अगस्त को प्रशिक्षु सिपाही सिर्फ तीन दिन के अवकाश पर घर गई, अब तक वापस नहीं लौटी है। ऐसे में महिला सिपाही को नोटिस जारी किया गया है। डीजी कार्यालय ने यह जानकारी आम की। सेना नायक के ही दावे को ही यदि हम सच मानें तो सवाल उठता है कि महिला सिपाही ने इस्तीफा सौंपा किसे? इस्तीफा स्वीकार हुआ भी या नहीं? इस्तीफा स्वीकारने से पूर्व क्या उन शर्तो का अनुपालन हुआ, जो पुलिस की नौकरी देने से पूर्व प्रशिक्षु को बताई जाती हैं। महिला प्रशिक्षु ने शर्तो के तहत इस्तीफा दिया भी या नहीं? वह कौन सा कारण रहा कि महज बीस दिन के भीतर तत्कालीन आरटीसी प्रभारी को हटाना पड़ा? इन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।
क्या कहता है नियम
1- यदि कोई प्रशिक्षु सिपाही नौकरी छोड़ना चाहता है, तो उसे अपने नियोक्ता (संबंधित जिले के पुलिस कप्तान) के समक्ष पेश होना होगा।
2- नौकरी छोड़ने की वजह बतानी होगी।
3-उस राशि का भुगतान करना होगा, जो प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु पर व्यय हुई है।