Rampur accident : चाचा और दो भतीजों की एक साथ जलीं चिताएं, हर आंख हो उठी नम
सोमवार को हुए एक हादसे में रामपुर में एक ही परिवार के तीन लोगों की नदी में डूबकर मौत हो गई थी। तीनों के शव गांव पहुंचे तो सबकी आंखें नम हो गईं। मंगलवार को तीनों की चिताएं एक साथ जली तो हर शख्स की आंखों में आंसू आ गए।
रामपुर, जेएनएन। बिलासपुर के भाखड़ा नदी में डूबे चाचा और दो भतीजों के शवों का दुखद माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान ग्रामीणों की आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
सोमवार की दोपहर गंगाराम का 30 वर्षीय पुत्र परविंदर सिंह लकड़ियां लेने के लिए जंगल की ओर जा रहा था। तभी उसके भतीजे निहाल सिंह और धर्मेंद्र भी वहां आ गए। वे भी चाचा के साथ जाने की जिद करने लगे। इस दौरान घर के लोगों ने उन्हें बहुत रोका। लेकिन, वे जिद पर अड़े थे। इस पर घर वालों को उन्हें अनुमति देनी पड़ गई। किसी को नहीं पता था कि तीनों का काल उन्हें एक संग अपने साथ ले जाने को तैयार बैठा है। जंगल में जाकर तीनों ने लकड़ियां इकट्ठा कीं। कड़ी धूप में लकड़ियां बीनते वे पसीना-पसीना हो उठे थे। तभी परविंदर गर्मी से निजात पाने के लिए नहाने की मंशा से निकट ही बह रही नदी में उतर गया। अचानक गहरे पानी में चले जाने से वह डूबने लगा। यह देख एक-एक कर दोनों भतीजों ने भी नदी में छलांग लगा दी। काफी प्रयास के बावजूद वे उसे बचा न सके, बल्कि खुद भी उसके साथ पानी में डूब गए। उधर तीनों को डूबता देख लोगों ने किसी तरह नदी में कूद कर उन्हें बाहर निकाला। लेकिन, किसी को भी बचाया नहीं जा सका। मंगलवार की दोपहर एक ही परिवार से तीन जवान लोगों की अर्थियां जब एक साथ निकलीं तो कोई भी अपने आंसुओं को थाम न सका। श्मशान घाट में तीनों की चितायें जब एक साथ जलीं तो वहां मौजूद हर शख्स बिलख रहा था।