प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल के खिलाफ मुरादाबाद में परिवाद दाखिल, अधिवक्ताओं को कहा था अराजक
14 मई को यूपी सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल ने अधिवक्ता विरोधी निर्देश जारी किए थे। जिसमें अराजक व्यवहार करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्यवाही हेतु प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये गये थे। इसी बात से अधिवक्ता आक्रोशित हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव के खिलाफ मुरादाबाद में परिवार दाखिल किया गया है। विशेष सचिव ने बीते दिनों एक पत्र जारी किया था, जिसमें अधिवक्ताओं के लिए अराजक शब्द का प्रयोग किया था। पत्र जारी होने के बाद से अधिवक्ता इसको लेकर आक्रोशित हैंं। इसी मामले को लेकर विशेष सचिव के खिलाफ मुरादाबाद कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। कोर्ट ने परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए आगामी 14 जून की तारीख दी है। विशेेेष सचिव के पत्र के विरोध में अधिवक्ता प्रदेश भर में हड़ताल कर चुके हैं।
14 मई को यूपी सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल ने अधिवक्ता विरोधी निर्देश जारी किए थे। जिसमें अराजक व्यवहार करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्यवाही हेतु प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये गये थे। इस मामले में यूपी बार काउंसिल की ओर से भी हड़ताल की गई थी। दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी के संयुक्त सचिव त्रिलोक चंद दिवाकर ने इस मामले में एक परिवाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विमल वर्मा की कोर्ट में दाखिल किया है। जिसमें सुनवाई के लिए कोर्ट ने 14 जून की तारीख दी है।
पत्र जारी होने के बाद से ही आक्रोशित है अधिवक्ता: विशेष सचिव के पत्र के बाद से प्रदेश में अधिवक्ता आक्रोशित हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं भी विशेष सचिव के पत्र पर कड़ा एतराज जताते हुए पत्र की प्रतियां जला चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में इसे लेकर अधिवक्ता आंदोलनरत हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि कोई अधिवक्ता गलत आचरण करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए बार काउंसिल है, ऐसे में विशेष सचिव का अधिवक्ताओं को अराजक कहना घोर निंदनीय है। इसे लेकर अधिवक्ता हड़ताल भी कर चुके हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि विशेष सचिव का यह पत्र न्यायालय का भी अपमान है क्योंकि अधिवक्ता न्यायपालिका का ही एक अंग हैं।