लॉकडाउन में सामुदायिक रसोई व सरकारी राशन ने दी भूख को मात Moradabad News
पांच करोड़ रुपये शासन ने भेजा था बजट। जनपद में छह लाख से ज्यादा लोगों को भोजन दिया गया। 159800 लोगों को सरकारी रसोई से भोजन बांटा गया
मुरादाबाद,जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान बीते एक माह से प्रशासन की ओर से गरीबों को भोजन वितरण किया जा रहा है। जनपद में सामुदायिक रसोई के माध्यम से गरीब परिवारों को भोजन पहुंचाने की जिम्मेदारी तहसील के अधिकारी निभा रहे हैं। शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जिन भी स्थानों से फोन पर खाना मांगने की जानकारी होती है,लेखपालों के द्वारा उनके घर में भोजन भेजने का काम किया जा रहा है। शासन ने कोविड-19 की व्यवस्थाओं के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट भेजा था,जिसमें अभी तक भोजन वितरण व क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था में पांच लाख रुपये का बजट खर्च किया जा चुका है।
स्वयंसेवी संगठनों का भोजन वितरण में सहयोग
सरकारी रसोई के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों के द्वारा भी जनपद में भोजन वितरण किया जा रहा है। जिसमें 14 संगठन ऐसे हैं,जो जनपद के अलग-अलग स्थानों में कच्चे राशन के साथ ही भोजन वितरण करने का काम कर रहे हैं। इन संगठनों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में भोजन पहुंचाने का काम किया जा रहा है। देहात क्षेत्रों में बीते एक माह में 9365 लोगों को पका भोजन पहुंचाने का काम किया गया है।
सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई पर ध्यान
लॉकडाउन के दौरान जिन स्थानों पर खाना बनाने का काम किया जा रहा है,वहां प्रशासन की ओर से एक-एक अधिकारी की तैनाती की गई है। अफसरों की निगरानी में ही सरकारी एवं निजी रसोई में भोजन बनाने के साथ ही वितरण का काम किया जाता है। भोजन वितरण में पुलिस वाहनों का भी सहयोग लिया जाता है। सामुदायिक रसोई में साफ-सफाई के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है।
कच्चा राशन वितरण
-प्रशासन ने 7494 लोगों को राशन बांटा
-स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से 12076 लोगों को राशन दिया गया
-कुल कच्चा राशन 19570 लोगों को दिया गया
जनपद में कोई भी भूखा न सोए इस बात को ध्यान में रखते हुए शहर के साथ ही दूर-दराज के क्षेत्रों में भोजन के साथ ही राशन देने का काम किया गया है। इस काम में निजी संस्थाओं का भी सहयोग लिया गया है।
-प्रीती जायसवाल, एडीएम वित्त एवं राजस्व।
जागरण ने भी एक हजार परिवारों तक पहुंचाया राशन
मुरादाबाद: कोरोना को हराने के लिए दैनिक जागरण भी देश के साथ खड़ा है। लॉकडाउन के बाद से जरूरतमंदों के घर तक राशन पहुंचाया जा रहा है। जागरण ने कर्मयोगियों की भी मदद की। अब तक एक हजार से अधिक लोगों के घर तक जागरण ने राशन पहुंचाने का काम किया है। इसमें कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों का भी सहयोग रहा है। सोमवार को दो दर्जन लोगों को जागरण के प्रयास से राशन मिला।