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रामपुर में आजम खां और अफसरों के बीच छिड़ा शीतयुद्ध

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां और प्रशासनिक अफसरों के बीच शीतयु्द्ध छिड़ गया है। दोनों ही एक दूसरे से जान का खतरा बता रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 01:48 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 06:14 AM (IST)
रामपुर में आजम खां और अफसरों के बीच छिड़ा शीतयुद्ध
रामपुर में आजम खां और अफसरों के बीच छिड़ा शीतयुद्ध

रामपुर(मुस्लेमीन)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां और प्रशासनिक अफसरों के बीच शीतयु्द्ध छिड़ गया है। दोनों ही एक दूसरे से जान का खतरा बता रहे हैं। हालांकि आचार संहिता लागू होने से पहले ही आजम खां और प्रशासन के बीच ठन गई थी, लेकिन अब तनातनी बढ़ गई है।

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आजम खां और प्रशासनिक अफसर लोकसभा चुनाव के पहले ही आमने सामने आ गए थे। दरअसल, जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने रामपुर में कार्यभार संभालने के चंद रोज बाद ही जौहर यूनिवर्सिटी रोड पर बने उर्दू गेट को तुड़वा दिया था। यह गेट कम हाइट का था और ट्रक व बसें भी नहीं निकल पाते थे। पूर्व मंत्री नवेद मियां, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष हाफिज अब्दुल सलाम और पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के बेटे मुस्तफा हुसैन समेत अनेक लोगों ने इसे तोडऩे की मांग की थी। एसआइटी ने भी इसकी जांच की। मार्च के पहले हफ्ते में गेट तोड़ा गया। इसके चंद रोज बाद ही रामपुर पब्लिक स्कूल का कब्जा हटाकर यूनानी अस्पताल को कब्जा दिलाया गया। इसके विरोध में सपा के लोगों ने धरना दिया तो प्रशासन ने मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद सपा ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की भी घोषणा कर दी, लेकिन बाद में पार्टी हाईकमान ने आजम खां को रामपुर से सपा प्रत्याशी बना दिया। तब सपाइयों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया। इसके बाद से ही पूर्व मंत्री आजम खां ने जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह पर निशाना साधना शुरू कर दिया। उनके बारे में कई बार आपत्तिजनक बयान दिए गए। जिलाधिकारी से जूते साफ कराने तक की बात कही। उनका यह वीडियो खूब वायरल हुआ। प्रशासन ने उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया। प्रशासन ने और भी कई मुकदमें दर्ज कराए, लेकिन आजम खां आपत्तिजनक भाषण देते रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के बारे में जमकर बयानबाजी की। भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा को लेकर भी आपत्तिजनक भाषण दिया। तब आयोग ने उन पर 72 घंटे की पाबंदी लगा दी। इसके बाद भी आजम खां बयानबाजी करते रहे और प्रशासन मुकदमें दर्ज कराता रहा। मतदान होने के बाद भी आजम खां ने तीखे बयान दिए। प्रशासन ने महीने भर में उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और आपित्तजनक भाषण देने के कुल 14 मुकदमें दर्ज कराए। मतदान के बाद भी आयोग ने आजम खां पर 48 घंटे की पाबंदी लगाई।

एएसपी कर रहे जांच

आजम खां लगातार जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदम्बा प्रसाद गुप्ता, नगर मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता, एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी पर निशाना साधते रहे। अब एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम ने भी आजम खां के खिलाफ एसपी से शिकायत की है, जिसमें उनसे जान का खतरा जताया है। इस मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार ङ्क्षसह कर रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों को पहले से ही सुरक्षा दी हुई है। उनके आवासों के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है।

आजम और उनके परिवार का काम ही आरोप लगाना: डीएम

जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह का कहना है कि कोई भी अधिकारी कानून के दायरे से बाहर रहकर काम नहीं कर सकता। हमने शुरू से अब तक रामपुर में जो भी काम किए हैं, सब कायदे कानून के हिसाब से किए हैं। राज्यसभा सदस्य ने उन पर और प्रशासनिक अधिकारियों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है, इस पर डीएम बोले, उनका और उनके परिवार का यही काम है। उनके बेटे, उनके पति ऐसे ही तमाम आरोप लगाते रहते हैं, जिनका कोई साक्ष्य नहीं है। अफसरों की ऐसी तमाम शिकायतें करते रहते हैं, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं दे पाते हैं। अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए ऐसा करते हैं। हम अधिकारियों को दबाव में नहीं आने देंगे। कोई भी अधिकारी दबाव में नहीं हैं और न ही किसी तरह के डर में है। अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता और उपजिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी एक दिन का अवकाश लेकर शादी समारोह में गए थे, जो वापस लौट आए हैं। जिन अधिकारियों ने जान का खतरा जताया है, उनके बारे में एसपी से बात की गई है। एलआईयू से भीजांच कराई जा रही है। संदिग्ध लोग पकड़ में आएंगे तो पूछताछ की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।

पेशबंदी के लिए की शिकायत: आजम

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां का कहना है कि अफसरों ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर जो शिकायत की है, वह पेशबंदी है। अधिकारी मतगणना में धांधली कराना चाहते हैं, इसके लिए शहर का माहौल खराब करना चाहते हैं। अधिकारियों को ही अगर खतरा है तो फिर सुरक्षित कौन रह सकता है। जिलाधिकारी और इनके साथ आए तीन अधिकारी पहले से शहर का माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं। इस संबंध में हम लगातार चुनाव आयोग से भी शिकायतें करते रहे हैं, लेकिन अभी तक इनके किलाफ कोई कार्वाई नहीं की गई है।

आजम को कोई खतरा नहीं : नवेद मियां

राज्यसभा सदस्य डा. तजीन फात्मा के बयान पर पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह लोकतंत्र के रक्षक और जनप्रिय अधिकारी हैं। प्रशासन ने चुनाव में धांधली, गुंडागर्दी और बूथ कैप्चङ्क्षरग नहीं होने दी, जिसकी वजह से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आजम खां बौखलाए हुए हैं और अब अपनी पत्नी को मीडिया के सामने लाकर शर्मनाक और ओछी हरकतों पर उतर आए हैं।

उन्होंने कहा है कि सपा की सरकारों में प्रधानी से लेकर सांसद तक के चुनावों में धांधली कर लोकतंत्र का गला घोंटा जाता रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं कर पाने और अपनी संभावित हार से आजम खां के मानसिक संतुलन पर असर दिखाई दे रहा है। आज उनकी पत्नी की प्रेस कांफ्रेंस इसी बात का प्रमाण है।

उन्हें अपने शौहर के रामपुर के गरीबों और मजलूमों पर जुल्म कभी नजर नहीं आए। सांसद साहिबा याद रखें कि अल्लाह की लाठी बेआवाज होती है। इंशाअल्लाह इंसाफ होगा और •ाुल्मों की सजा भुगतान पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि आजम की जान को किसी से कोई खतरा नहीं है, बल्कि आजम से रामपुर की खुशहाली, भाईचारे, अमन और लोकतंत्र को खतरा है।

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