24 घंटे में तरमीम होगी आचार संहिता उल्लंघन की एनसीआर
आदर्श आचार संहिता उल्लघंन की कार्रवाई को राजनीतिक पार्टियों ने मजाक बना दिया है। इसबार चुनाव आयोग उसे लेकर सख्त हो गया है।
मुरादाबाद(सुशील कुमार)। आदर्श आचार संहिता उल्लघंन की कार्रवाई को राजनीतिक पार्टियों ने मजाक बना दिया है। इसबार चुनाव आयोग उसे लेकर सख्त हो गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जनपदों को पत्र जारी कर दिया है, जिसमें आदेश हुआ कि 24 घंटे के अंदर आदर्श आचार संहिता की एनसीआर को एफआइआर में तरमीम किया जाएगा। साथ ही उसकी रिपोर्ट डीजीपी ऑफिस कार्यालय जाएगी। यह भी तय कर दिया कि चुनाव समाप्त होने पर मुकदमों में आरोप पत्र या एफआर लगा दी जाए। ताकि बाद में उक्त मुकदमों में कोई राजनीति पार्टी दबाव न बना पाए। गत लोकसभा चुनाव में दर्ज हुए छह मुकदमों में पुलिस आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है, जिनमें पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने पर सजा नहीं हो सकी है।
कड़ाई से पालन के निर्देश
चुनाव आयोग ने डीजीपी को पत्र भेजकर सभी जनपदों में आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए। डीजीपी कार्यालय एवं एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार की ओर से भी एक पत्र जारी कर दिया है, जिसमें बताया गया कि आचार संहिता उल्लघंन की एनसीआर को 24 घंटे में एफआइआर में तरमीम की जाए। उसके बाद कोर्ट से अनुमति लेकर पुलिस विवेचना आरम्भ करें। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव समाप्त होने पर सभी मुकदमों की विवेचना पूरी कर केस डायरी को कोर्ट में दाखिल करें। ताकि चुनाव के बाद सत्ता पक्ष के लोग पुलिस पर एफआर या मुकदमा खत्म करने का दवाब न बना सकें। चुनाव के नोडल अफसर सतीश चंद्र ने बताया कि आदेश मिलने के बाद सभी थानों को अवगत कराया जा चुका है कि आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में पुलिस कदापि लापरवाही नहीं बरतेगी।
66 मुकदमों में आरोप पत्र किया था दाखिल
विधान सभा 2017 के दौरान जनपद में आदर्श आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ी। पुलिस ने 70 मुकदमे भी दर्ज किए, जिनमें कई पार्टी प्रत्याशी भी नामजद किए। पुलिस ने 66 में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया, जिसमें सात मुकदमों में कोर्ट सजा सुना चुकी है, 59 मुकदमों में पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने पर कोर्ट में लंबित चल रहे है, जबकि चार मुकदमों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइलों को बंद कर दिया था। कोर्ट में सिर्फ दो मुकदमो में फाइनल रिपोर्ट स्वीकार की है। दो मुकदमो की विवेचना दोबारा से करने के आदेश दिए है। यानी पुलिस की बड़ी लापरवाही मुकदमों में साबित हो रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ छह मुकदमे आदर्श आचार संहिता के उल्लघंन के दर्ज हुए थे। सभी में पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया था। हाल में मुकदमों की स्थिति देखी गई, जिसमें सामने आया कि पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने पर अभी मुकदमे कोर्ट में लंबित है। यानी पांच साल बाद भी मुकदमो में सजा नहीं हो सकी है।