CM Yogi Adityanath के आदेश पर लखनऊ की टीम ने मुरादाबाद में दो दिन समझा खनन का खेल, जानें क्या हुआ हासिल
Illeagal Mining in Moradabad अवैध खनन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जमकर फटकार लगाई थी। इस मामले में शासन स्तर से तत्काल एक उच्चस्तरीय टीम गठित करके मुरादाबाद भेजी गई थी।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Illeagal Mining in Moradabad : अवैध खनन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जमकर फटकार लगाई थी। इस मामले में शासन स्तर से तत्काल एक उच्चस्तरीय टीम गठित करके मुरादाबाद भेजी गई थी।
दो दिन की जांच के बाद लौट गई टीम
सोमवार सुबह शासन से आई टीम ठाकुरद्वारा के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में अवैध खनन के वाहनों से लेकर अन्य मामलों की जानकारी करने में टीम जुटी रही। हालांकि, टीम के अधिकारियों को बहुत कुछ हासिल नहीं हुआ। दो दिनों तक चली जांच के बाद मंगलवार शाम टीम वापस लखनऊ चली गई।
खनन माफिया ने एसडीएम को बनाया बंधक
13 सितंबर को ठाकुरद्वारा में एसडीएम को बंधक बनाकर खनन माफिया तीन डंपरों को छुड़ा ले गए थे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंस में अफसरों से बात की। उन्होंने ठाकुरद्वारा एसडीएम को बंधक बनाने और भोजपुर सामूहिक दुष्कर्म की घटना में सही तरीके से निस्तारण नहीं करने पर जमकर फटकार लगाई।
सीएम की फटकार के बाद बनी थी जांच टीम
अवैध खनन के परिवहन को लेकर सीएम ने उसी दिन एक पांच सदस्यीय अधिकारियों की टीम जांच के लिए मुरादाबाद रवाना कर दी थी। सोमवार सुबह खनन एवं भूतत्व खनिज विभाग के विशेष सचिव विपिन कुमार जैन, संयुक्त निदेशक अमित कौशिक के साथ ही निदेशालय के तीन खनन अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे।
जांच टीम ने ठाकुरद्वारा बार्डर का किया निरीक्षण
जांच टीम वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद सीधे ठाकुरद्वारा पहुंच गए थे। दिनभर टीम घटनास्थल और बार्डर का निरीक्षण किया। इसके बाद रात करीब 10 बजे पूरी टीम बार्डर पर जाकर बैठ गई थी। सुबह चार बजे तक अफसरों ने स्वयं ठाकुरद्वारा, भगतपुर बार्डर पर अपनी निगरानी में वहां से वाहनों की जांच कराई और चालकों से बातचीत की।
बॉर्डर पर लगेगा ऑटोमैटिक गेट
हालांकि, जांच के दौरान एक भी डंपर बार्डर से नहीं गुजरा। खनन अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि बार्डर पर आटोमैटिक गेट लगाने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर टीम ने बार्डर का निरीक्षण किया है। पूर्व में घटित हुई घटना की भी जानकारी ली है। इलेक्ट्रानिक गेट को लेकर दोबारा से शासन की टीम आएगी।
जांच पर लगी रही अफसरों की निगाहें
शासन से आई टीम की जांच पर दिनभर मुरादाबाद के अफसरों की निगाहें लगी रही। दो दिनों तक टीम ने अवैध खनन और परिवहन के मामले की तह तक जाने का प्रयास किया, लेकिन टीम को बहुत कुछ हासिल नहीं हुआ। खनन के सिंडीकेट माफिया दूसरे राज्य में बैठकर पूरा खेल कर रहे हैं।
ऐसे में स्थानीय स्तर पर उनके जाल को काट पाना अफसरों के लिए आसान नहीं हैं। शासन से आई टीम पर खनन सिंडीकेट की भी निगाह लगी रही। गोपनीय जांच के संबंध में कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। ज्यादातर अफसरों ने ऐसी कोई टीम आने से जानकारी से ही इन्कार कर दिया।
अचानक कैसे गायब हुए डंपर
उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के बार्डर से सामान्य दिनों प्रतिदिन 500 से अधिक डंपर गुजरते हैं। लेकिन, जब मुख्यमंत्री की फटकार लगी तो अधिकारी भी सक्रिय हो गए। एक और जहां एडीएम की मौजूदगी में माफिया के गुर्गे डंपर को छुड़वा ले गए थे, अब वहां से ए भी डंपर नहीं गुजरा। जो स्पष्ट रूप से संकेत कर रहा है कि पूरा खेल सरकारी तंत्र की मिली भगत से चल रहा है। डंपरों को अचानक से गायब हो जाना जांच टीम के लिए अवैध खनन और वसूली के पूरे सिंडीकेट को साबित करने के लिए पर्याप्त है।