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निपाह वायरस के खौफ से अस्पतालों में साफ-सफाई

मुरादाबाद : निपाह वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिला अस्पताल के साथ

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 01:56 AM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 01:56 AM (IST)
निपाह वायरस के खौफ से अस्पतालों में साफ-सफाई
निपाह वायरस के खौफ से अस्पतालों में साफ-सफाई

मुरादाबाद : निपाह वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिला अस्पताल के साथ ही सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए बुधवार को अलर्ट जारी किया गया है। चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों को निपाह वायरस से बचाव और इसके लक्षण बताए गए। जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड की सफाई के साथ ही उसमें दवा का भी छिड़काव किया गया है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वीके खरे ने बताया कि

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यह वायरस एक जानवर से फलों में और फलों के जरिए लोगों में फैलता है। गंभीर संक्रमण की चपेट में आने से मौत भी हो सकती है। गंभीर बात ये है कि इसका सटीक इलाज नहीं है। बचाव के लिए दूरी बनाना ही बेहतर है।

पहले भी हमला कर चुका है निपाह वायरस

मुरादाबाद, जासं : प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. ज्योत्सना उपाध्याय पंत ने बताया कि केरल में एक ही परिवार के तीन लोगों की निपाह वायरस की मौत हो गई है। भारत में इस वायरस का मामला पहली बार नहीं बल्कि इससे पहले 2001 जनवरी, फरवरी में पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में दर्ज किया गया था। इस साल में लगभग 66 लोग खतरनाक वायरस की चपेट में आ गए थे, जिनमें से 45 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 2007 में पश्चिम बंगाल के नदिया में निपाह वायरस का दूसरा मामले की जानकारी सामने आई थी। अब केरल से आए निपाह वायरस के मामले बढ़ रहे हैं।

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क्या है निपाह वायरस

जिला अस्पताल में फिजिशियन डॉ. एनके मिश्रा ने बताया कि ये वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फिर फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। जानलेवा वायरस की चपेट में आने से इंसान को गंभीर परेशानी से गुजरना पड़ सकता है। एक से दूसरे इंसान में फैलने का भी डर रहता है।

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निपाह वायरस के लक्षण

पूर्व आइएमए अध्यक्ष डॉ. सुधीर मिढ्डा ने बताया कि निपाह वायरस की चपेट में आने वाले इंसान में इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम के जरिये यह वायरस तेजी से फैलता है, जिससे तेज बुखार, दिमाग या सिर में तेज जलन, दिमाग में सूजन-दर्द, मानसिक भ्रम, सांस लेने में परेशानी भी होती है। संक्रमण बढ़ने से मरीज कोमा की स्थिति में भी जा सकता है।

इस तरह करें बचाव

- सूअर व चमगादड़ों से दूर रहें।

- निपाह के संक्रमिक रोगी से दूरी बनाएं।

- पेड़ से गिरे फल को नहीं खाना चाहिए।

- खजूर खाने से परहेज करना चाहिए।


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