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सीएमओ कार्यालय में 56 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता बरतने के मामले में क्लीनचिट

सीएमओ कार्यालय में 56 लाख रुपये के बिलों के भुगतान करने के मामले में एडी हेल्थ ने स्टेनो एसीएमओ समेत सभी आरोपितों को क्लीनचिट दे दी है। बकौल एडी हेल्थ वित्त एवं लेखाधिकारी जिला लेखा प्रबंधक ने बीजकों का परीक्षण करके ही बिलों का भुगतान संबंधित फर्मों को किया था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 03:19 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 03:19 PM (IST)
सीएमओ कार्यालय में 56 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता बरतने के मामले में क्लीनचिट
एडी हेल्थ ने किया आरोपों से बरी।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। अमरोहा सीएमओ कार्यालय में 56 लाख रुपये के बिलों के भुगतान करने के मामले में एडी हेल्थ ने स्टेनो, एसीएमओ समेत सभी आरोपितों को क्लीनचिट दे दी है। बकौल एडी हेल्थ वित्त एवं लेखाधिकारी, जिला लेखा प्रबंधक ने बीजकों का परीक्षण करके ही बिलों का भुगतान संबंधित फर्मों को किया था।

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उल्लेखनीय है कि सीएमओ के स्टेनो विजयपाल सिंह, लिपिक जौहर बाबू, एसीएमओ डा. हरिदत्त नेमी, वित्त एवं लेखाधिकारी विजयवीर सिह, जिला लेखा प्रबंधक संजीत मोदी आदि पर तत्कालीन सीएमओ डा. मेघ सिंह के 20 सितंबर को स्थानांतरण के बाद 56 लाख रुपये के बिलों के भुगतान करने का आरोप लगा था। जिसमें वर्तमान सीएमओ डा. सौभाग्य प्रकाश ने भी अपनी शिकायत दर्ज कराई दी। तत्कालीन एडी हेल्थ विनीत कुमार शुक्ला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बारी-बारी से सभी आरोपितों को तलब कर बयान दर्ज किए थे। जिसमें एडी हेल्थ ने पाया कि उक्त बिलों का भुगतान भली प्रकार परीक्षण करने के बाद ही संबंधित फर्मों के खातों में किया गया है। जिस पर तत्कालीन एडी हेल्थ ने जांच में आरोपों को बेबुनियाद मानते उन्हें क्लीनचिट दे दी।

सीडीओ करेंगे जांच : जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट फटने की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सीडीओ के नेतृत्व में कमेटी गठित कर तीन दिन के अंदर जांच आख्या सौंपने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी बीके त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना के मरीजों को आक्सीजन की कोई कमी न हो, इसलिए जनसहयोग, सीएसआर फंड, विधायक निधि व अन्य मदों से प्राप्त धनराशि से आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनके रखरखाव और सुरक्षा के लिए सीडीओ चंद्रशेखर शुक्ला के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई है। जिला अस्पताल में भी सीएसआर मद से आक्सीजन प्लांट बनाया जा रहा था, जो ट्रायल करते वक्त फट गया। बताया कि सीडीओ को तीन दिन के अंदर फटे आक्सीजन प्लांट की जांच कर उसकी आख्या सौंपने के निर्देश दिए हैं।

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