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सांसद आजम खां की पत्नी शहर विधायक डा. तजीन फात्मा ने गांधी समाधि के सौंदर्यीकरण की फाइल लौटाई, कहा-बहुत हो चुका काम

गांधी जी की जब हत्या हुई थी तब रामपुर में नवाबों का राज था। नवाब रजा अली खां ने अपने रियासत के मुख्यमंत्री कर्नल वशीर हुसैन जैदी को गांधी जी की अस्थियां लाने के लिए स्पेशल ट्रेन से दिल्ली भेजा था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 01:10 PM (IST)
सांसद आजम खां की पत्नी शहर विधायक डा. तजीन फात्मा ने गांधी समाधि के सौंदर्यीकरण की फाइल लौटाई, कहा-बहुत हो चुका काम
गांधी समाधि को पर्यटन स्थल बनाने के लिए सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की थी।

मुरादाबाद, जेएनएन। सांसद आजम खां की पत्नी रामपुर शहर विधायक डा. तजीन फात्मा ने गांधी समाधि के सौंदर्यीकरण की फाइल लौटा दी है। उनका कहना है कि गांधी समाधि का पहले ही बहुत सौंदर्यीकरण हो चुका है। इसलिए अब इसके सौंदर्यीकरण की आवश्यकता नहीं है।

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प्रदेश सरकार ने गांधी समाधि को पर्यटन स्थल बनाने के लिए सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की थी। इसके लिए विधायक की सहमति जरूरी थी। रामपुर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी इंदु शेखर मिश्रा के जरिए विधायक के पास फाइल भिजवाई गई। तब विधायक ने फाइल रख ली और फिर यह कहकर लौटा दी कि गांधी समाधि के सौंदर्यीकरण की जरूरत नहीं है। पहले ही बहुत सौंदर्यीकरण हो चुका है। दिल्ली के बाद रामपुर में भी गांधी समाधि है। गांधी जी की जब हत्या हुई थी, तब रामपुर में नवाबों का राज था। नवाब रजा अली खां ने अपने रियासत के मुख्यमंत्री कर्नल वशीर हुसैन जैदी को गांधी जी की अस्थियां लाने के लिए स्पेशल ट्रेन से दिल्ली भेजा था। वह कुछ अस्थियां लेकर यहां आए और उन्हें चांदी के कलश में रखने के बाद गांधी समाधि बनाई गई। सपा शासनकाल में करीब 26 करोड़ की लागत से इसका सौंदर्यीकरण किया गया। इसके आसपास दो आलीशान गेट बनाए गए।

प्रदेश सरकार अब इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहती है। इसके लिए अब यहां पर्यटन विकास के कार्य कराए जाने हैं। इस पर 27 लाख 65 हजार रुपये खर्च होंगे। सरकार ने इस काम के लिए क्षेत्र के विधायक की सहमति लेने को कहा। जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन केंद्र बनाने के आदेश दिए हैं। नवाबी दौर में भमरौआ में बने श्री पातालेश्वर शिव मंदिर पर 39 लाख 55 हजार की लागत से पर्यटन विकास कार्य होंगे। शाहबाद में लक्खी बाग में बने मंदिर पर 48 लाख छह हजार रुपये, रठौंडा के शिव मंदिर पर 49 लाख 76 हजार, स्वार के प्राचीन सैनी दुर्गा मंदिर के पर्यटन विकास पर 46 लाख 84 हजार रुपये खर्च होंगे। गुरुद्वारा छठी पातशाही नवाबगंज के पर्यटन विकास पर भी 49 लाख पांच हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। डीएम ने बताया कि अन्य कार्यों के लिए क्षेत्रीय विधायकों ने सहमति दे दी है।

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