बच्चे पढ़ रहे इंग्लिश स्कूल में और परीक्षा देंगे हिन्दी में Moradabad news
कहावत है नाम बड़े और दर्शन छोटे। बेसिक शिक्षा विभाग का हाल भी कुछ ऐसा ही है।
मुरादाबाद : कहावत है नाम बड़े और दर्शन छोटे। बेसिक शिक्षा विभाग का हाल भी कुछ ऐसा ही है। कान्वेंट स्कूल से मुकाबला करने के लिए परिषदीय स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदलने की कवायद तो शुरू हुई लेकिन, ढुलमुल रवैये के कारण ये स्कूल नाम के ही रह गए हैं। अब सात जनवरी से अद़र्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं लेकिन इस बार भी इंग्लिश मीडियम के विद्यार्थी हिन्दी में ही परीक्षा देंगे।
दस-दस स्कूलों का किया गया था चयन
2017 से बेसिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बदलने की कवायद शुरू हुई थी। दावा था कि यहां पर अंग्रेजी में पढ़ाई होगी और शिक्षक भी अंग्रेजी बोलेंगे। इसी साल हर ब्लॉक में पांच स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम के लिए चयनित किया गया। इसके बाद 2018 में फिर से सभी ब्लॉकों में दस-दस स्कूलों का चयन किया गया लेकिन, मुंगेरी लाल की तरह बच्चों से लेकर अभिभावकों तक को बेसिक शिक्षा विभाग हसीन सपने ही दिखाता रहा। पढ़ाई तो दूर अब तक इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती तक नहीं हो सकी है।
पांच-पांच शिक्षकों की होनी थी तैनाती
नियमानुसार, हर स्कूल में पांच-पांच शिक्षकों की तैनाती होनी थी। करीब छह माह पहले इसके लिए 600 शिक्षकों के बीच परीक्षा भी कराई गई। इसके बाद साक्षात्कार भी हुए लेकिन, अभी तक तैनाती अधर में ही लटकी हुई है।
पूरे सत्र हिन्दी में ही हुई पढ़ाई
शिक्षकों की तैनाती न होने का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा। अंग्रेजी स्कूल के नाम पर उनका पंजीकरण तो किया गया लेकिन, पूरे सत्र उन्हें हिन्दी माध्यम से ही पढ़ाई कराई गई।
ये बोले अधिकारी
बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में तैनाती के लिए शिक्षकों से विकल्प मांगे गए हैं। नए सत्र से पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। जहां तक परीक्षाओं की बात है तो हिन्दी माध्यम में परीक्षाएं कराई जाएंगी।