यहां अंग्रेजी बोल रहे प्राइमरी स्कूल के बच्चे
मुरादाबाद। सरकार के मॉडल स्कूलों ने माहौल बदला है। रामपुर जिले में इस साल 42 बेसिक स्कूल अं
मुरादाबाद। सरकार के मॉडल स्कूलों ने माहौल बदला है। रामपुर जिले में इस साल 42 बेसिक स्कूल अंग्रेजी माध्यम के बनाए गए हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अंग्रेजी बोल रहे हैं। इनमें शिक्षक भी योग्य तैनात किए गए हैं। सोहना भी उन्हीं में से एक है।
प्रधानाध्यापिका और उनके साथी शिक्षकों की लगन से मॉडल बन गया विद्यालय शाहबाद ब्लॉक में स्थित यह स्कूल कभी जर्जर हुआ करता था, लेकिन यहां तैनात प्रधानाध्यापिका सुषमा की मेहनत और उनके साथी शिक्षकों की लगन से विद्यालय मॉडल बन गया। यहां पर तैनात शिक्षकों द्वारा बच्चों को इस प्रकार पढ़ाया जाता है कि वह अंग्रेजी बोलने लगे हैं। वैसे तो यहां प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय एक ही परिसर में स्थित हैं। हालांकि प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका था। बावजूद इसके यहां तैनात शिक्षकों ने रात-दिन एक करके विद्यालय को सजाया और संवारा है। स्कूल का हरा भरा कैंपस बच्चों को लुभा रहा है। विद्यालय को स्वच्छ और सुंदर बनाने में ग्राम प्रधान भूरी देवी ने भी तन, मन और धन से सहयोग किया। इन सब की मेहनत से यह स्कूल मॉडल स्कूल बन गया। विद्यालय में शौचालय, पीने के लिए साफ पानी के लिए सबमर्सिबल, पानी की टंकी, लाइ¨टग की व्यवस्था है।
बढ़ रही है छात्र छात्राओं की संख्या मॉडल स्कूल बनने के बाद इसमें श्रीमती सुषमा ¨सह और डॉ वसीम अहमद, पंकज कुमार एवं लाल ¨सह की पो¨स्टग हुई हैं। वर्तमान में 124 बच्चों का नामांकन है। छात्र छात्राओं के नामांकन में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष वृद्धि हुई। बच्चों की उपस्थिति भी प्रत्येक दिन 80 प्रतिशत से अधिक रहती है। उपस्थिति बनाएं रखने के लिए एक्टिविटी के माध्यम से रोचक एवं ज्ञान पूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। विद्यालय में दैनिक रूप से प्रार्थना, इंग्लिश व ¨हदी में समूहगान होता है।, प्रत्येक दिन अलग-अलग प्रतिज्ञा, सामान्य ज्ञान प्रश्नोतरी का आयोजन किया जाता है। शिक्षण कार्य सारणी के अनुसार किया जाता है। मीनू के अनुसार भोजन, फल एवं दूध का वितरण किया जाता है।बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए योगा, क्ले¨पग आदि कराए जाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
स्वच्छता पर भी दिया जाता है विशेष ध्यान बच्चों के लिए पुस्तकालय है, जिसमें 150 से ज्ञानवर्धक पुस्तकें हैं।स्कूल की दीवारों पर रोचक पूर्ण जानकारी के साथ पें¨टग की गई है, जो विद्यालय की शोभा बढ़ा रही है। बच्चों की सफाई पर भी शिक्षकों द्वारा खास ध्यान दिया जाता है। बच्चे टाई और बेल्ट के साथ गले में आई कार्ड डालकर विद्यालय आते हैं। स्मार्टफोन व लैपटॉप की सहायता से बच्चों को शिक्षण कराया जाता है। प्रधानाध्यापक डॉक्टर वसीम अहमद ने बताया कि अब सभी बच्चों के बैठने के लिए बैंच का इंतजाम करने में लगे हैं। उनका कहना है कि उनके स्कूल के बच्चे अंग्रेजी में बात करते हैं।