किशोरी की हैरतअंगेज फिल्मी कहानियों से चकराया चाइल्ड लाइन,जानिए क्या है पूरा मामला Moradabad news
फिल्म और टीवी सीरियल का बच्चों के मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका ताजातरीन उदाहरण गाजियाबाद की रहने वाली वह किशोरी है
मुरादाबाद । फिल्म और टीवी सीरियल का बच्चों के मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका ताजातरीन उदाहरण गाजियाबाद की रहने वाली वह किशोरी है, जिसने अपने अतीत की कपोल कल्पित तीन कहानियों को सुनाकर मुरादाबाद चाइल्ड लाइन के सदस्यों को भ्रमित कर दिया। फिलहाल उसे बुधवार को बाल कल्याण समिति ने उसके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया। मुरादाबाद आरपीएफ को सोमवार देर रात सूचना मिली कि 15 साल की एक किशोरी लखनऊ मेल में अकेले सफर कर रही है। मुरादाबाद में आरपीएफ ने उसको ट्रेन से उतार लिया। दूसरे दिन सुबह किशोरी चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दी गई। पूछताछ में पता चला कि किशोरी के बैग में डेढ़ लाख रुपये हैं। चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने किशोरी का अतीत खंगाला। एक-एक कर किशोरी ने तीन कहानियां सुनाईं।
कहानी - एक
किशोरी नवीं की छात्रा है। उसने अपना नाम हैप्पी बताया। बोली, दो साल पहले एक सड़क हादसे में उसके माता-पिता की मौत हो गई। हादसे की चपेट में उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। नतीजतन उसने याददाश्त खो दी। अनाथ हैप्पी की परवरिश पूर्वा नाम की एक नर्स कर रही थी। जीवन पर संकट बताते हुए नर्स ने हैप्पी को लखनऊ जाने की सलाह दी। लखनऊ पहुंचने से पहले ही हैप्पी आरपीएफ के हाथ लग गई।
कहानी - दो
घर के बरामदे में खड़ी थी। तभी किसी ने मोबाइल फेंका। उस पर जब काल रिसीव की तो बताया गया कि तुम्हारे नाना-नानी मेरे कब्जे में हैं। यदि दोनों को जिंदा देखना चाहती हो तो दो लाख रुपये लेकर लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंच जाओ। तब हैप्पी ने मां-बाप की गैर मौजूदगी में अलमारी में रखे डेढ़ लाख रुपये निकाले और वह लखनऊ मेल में सवार होकर नाना-नानी को बचाने निकल पड़ी।
कहानी - तीन
पिता साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। गाजियाबाद के इंद्रापुरम में हैप्पी व उसके मां-बाप रहते हैं। हैप्पी दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा है। उसका एक छोटा भाई भी है। हैप्पी के घर पर उसके नाना व नानी आने वाले थे। इनके स्वागत की तैयारी में जुटे मां-बाप हैप्पी व उसके छोटे भाई को घर पर छोड़ कर बाजार चले गए। इसके पूर्व मां ने किसी बात पर हैप्पी को डांटा था। मां की डांट के बाद हैप्पी ने घर की अलमारी से डेढ़ लाख रुपये निकाले और फिर छोटे भाई को अकेला छोड़कर लखनऊ रवाना हो गई।
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