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chaitra navratri 2023 : कल से चैत्र नवरात्र, सुबह 6:23 बजे से कलश स्थापना का मुहूर्त

इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है जिसे सुख-समृद्धि कारक कहा जाता है। पूरे नौ दिनों के नवरात्र में मां के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। इस वर्ष चार ग्रहों का परिवर्तन नवरात्र पर देखने को मिलेगा। इस वर्ष के राजा बुद्ध और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे।

By Tej Prakash SainiEdited By: Mohammed AmmarPublished: Mon, 20 Mar 2023 10:04 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 10:04 PM (IST)
chaitra navratri 2023 : कल से चैत्र नवरात्र, सुबह 6:23 बजे से कलश स्थापना का मुहूर्त
chaitra navratri 2023 : कल से चैत्र नवरात्र, सुबह 6:23 बजे से कलश स्थापना का मुहूर्त

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : चैत्र नवरात्र 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं। इस बार पूरे नौ दिन नवरात्र रहेंगे। सुबह 6:23 बजे से सुबह 10:57 बजे तक पहला मुहूर्त और दूसरा सुबह 10:57 से दोपहर 12:28 बजे तक रहेगा। इस दिन से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू हो रहा है। इसी दिन से नव संवत्सर की भी शुरुआत होगी। इस बार नवरात्र में चार योग बन रहे हैं। माता दुर्गा का आगमन इस बार नौका पर हो रहा है। यह योग चैत्र नवरात्रि में 110 साल बाद बन रहा है। प्रत्येक वर्ष दो नवरात्रि पर्व मनाएं जाते हैं।

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इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-समृद्धि कारक कहा जाता है। पूरे नौ दिनों के नवरात्र में मां के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। इस वर्ष चार ग्रहों का परिवर्तन नवरात्र पर देखने को मिलेगा। इस वर्ष के राजा बुद्ध और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। इसके चलते शिक्षा क्षेत्र में बहुत क्रांति के अवसर मिलेंगे और महिलाओं का भी विशेष उत्थान इस वर्ष दिखाई पड़ेगा।

प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 11 बजकर चार मिनट पर लग जाएगी। लेकिन, 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी।

ऐसे करें कलश स्थापना

घर में मंदिर की सफाई के बाद चौकी बिछाएं। लाल कपड़ा बिछाकर माता की मूर्ति स्थापित करें। पूजन की सभी सामग्री जुटाने के साथ कलावा बांधकर कलश स्थापित करें। कलश पर आम चुनरी बांध नारियल रखें। पान, सुपारी, कपूर, सामग्री, लौंग, जायफल के साथ हवन करें और माता रानी की आराधना करें।

इस बार पूरे नौ नवरात्र हैं। घर को गंगा जल के छींटों से स्वच्छ करें। सुबह 6:23 बजे से 9:25 तक कलश स्थापना का पहला मुहूर्त है। दूसरा मुहूर्त 10:57 से 12:30 बजे तक है। इसके बाद दोपहर दो बजे तक राहुकाल लग जाएगा। राहुकाल में कलश स्थापना करने से बचें। दोपहर दो बजे के बाद भी कलश स्थापना कर सकते हैं।

पं. रामकुमार उपाध्याय, ऋण मुक्तेश्वर मंदिर, बुद्धि विहार

इस बार माता रानी नौका पर सवार होकर आ रही हैं। माता के नौ स्वरूपों की पूजा होगी। इस बार चैत्र प्रतिपदा 21 मार्च को रात 11 बजकर चार मिनट पर लग जाएगी। लेकिन, सूर्योदय होने पर ही नवरात्र माने जाएंगे। जिससे 22 मार्च को सुबह विधि विधान से कलश स्थापित करके मां दुर्गा की आराधना करें।

 पं. केदार मिश्रा, हिमगिरी कालोनी


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