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कक्षा छह से आठ तक के स्कूल खोलने पर विचार कर रहा सीबीएसई

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्‍तर प्रदेश की ओर से पहले से ही कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाओं को ऑनलाइन माध्यम के अलावा ऑफलाइन भी संचालित किया जा रहा है। लेकिन अभी अन्‍य की कक्षाओं को ऑफलाइन शुरू नहीं किया गया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 05:19 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 05:19 PM (IST)
कक्षा छह से आठ तक के स्कूल खोलने पर विचार कर रहा सीबीएसई
सीबीएसई ने चरणबद्ध तरीके से कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों को खोलने पर विचार शुरू कर दिया है।

मुरादाबाद, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अब कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों में भी ऑफलाइन कक्षाएं संचालित करने पर विचार कर रहा है। संभव है कि जनवरी में इन कक्षाओं को अभिभावकों की अनुमति पर शुरू भी कर दिया जाए। इसके लिए सीबीएसई ने सभी जिलो में जिला समन्वयकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों से सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा बच्चों के स्कूल आने पर बरती जाने वाली सुविधाओं की तैयारियों का भी ब्‍योरा भी मांगा है। प्रधानाचार्यों का कहना है कि सीबीएसई जल्द ही इस पर निर्णय ले सकता है।

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्‍तर प्रदेश की ओर से पहले से ही कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाओं को ऑनलाइन माध्यम के अलावा ऑफलाइन भी संचालित किया जा रहा है। लेकिन, कोरोना के खतरे को देखते हुए अभी अन्‍य की कक्षाओं को ऑफलाइन शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में अब सीबीएसई ने चरणबद्ध तरीके से कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों को खोलने पर विचार करना शुरू कर दिया है। पीएमएस स्कूल के प्रधानाचार्य पी. मैथ्यू का कहना है कि हो सकता है, पहले सीबीएसई कक्षा छह से आठ तक की कक्षाओं को ही ऑफलाइन मोड पर संचालित करे। क्योंकि, इसके लिए सीबीएसई ने सभी जिलों में प्रधानाचार्यों, जिला समन्वयकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों से सुझाव मांगे हैं। संभव है कि जनवरी तक सीबीएसई इस पर फैसला ले ले।

ऑफलाइन कक्षाओं में नहीं बढ़ रही छात्र संख्या

भले ही सीबीएसई कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों को खोलने पर विचार कर रहा है। लेकिन, अभिभावकों का डर अभी कायम है। इसका मजमून है शहर के स्कूलों में कक्षा नौ से 12 में छात्रों की संख्या। प्रधानाचार्योँ का कहना है कि अभी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के नाम पर डर रहे हैं, जिस कारण छात्र संख्या बहुत ही कम है।


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