सावधान! मुरादाबाद में कैंसर का मरीज बना सकती है प्रदूषित हवा
मुरादाबाद: शहर की हवा प्रदूषित हो चुकी है। इससे सास लेना तक मुश्किल हो रहा है।
मुरादाबाद: शहर की हवा प्रदूषित हो चुकी है। इससे सास लेना तक मुश्किल हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आकड़ों को देखे तो शुक्रवार को ही वायु गुणवत्ता सूचकाक यानी एक्यूआइ 290 रहा। डॉक्टरों के मुताबिक लंबे समय तक ऐसी ही हवा में सास लेने से फेफड़ों का कैंसर होने की आशका रहती है। हवा प्रदूषित होने से जिला अस्पताल में सास के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। चिकित्सक मरीज को मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं।
सर्दियों में हवा का बहाव होता है कम
विशेषज्ञों की मानें तो सर्दिया शुरू होने के साथ हवा का बहाव भी कम होने लगता है। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता चला जाता है। दीपावली के समय यह स्तर चिंताजनक स्थिति तक पहुंच जाता है। नेशनल एयर मॉनिटरिंग प्रोग्राम की प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर डॉ. अनामिका त्रिपाठी का कहना है कि दीपावली को देखते हुए नवंबर की 15 तारीख तक हवा की मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए गए हैं।
अभी और जहरीली होगी हवा
आकड़ों के मुताबिक 25 नवंबर को एक्यूआइ 356 पहुंच गया था, जिसका मतलब है बेहद बुरी स्थिति। इस स्थिति में फेफड़े, गले, नाक, कान और आख की बीमारिया बढ़ जाती हैं। हालाकि शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकाक थोड़ा कम हुआ, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि हालात दिनोंदिन बिगड़ते जाएंगे। 400 का आकड़ा इसी महीने में हो चुका पार
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आकड़ों को देखा जाए तो इसी महीने की सात और आठ तारीख को एक्यूआइ 400 के पार जा चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में आसमान में धुंध छाने लगती है और सास लेने में भी दिक्कत पैदा हो जाती है।
ओपीडी में बढ़े मरीज
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन एनके मिश्रा ने बताया कि सर्दियों में सास से संबंधित बीमारियों के रोगियों की संख्या तो बढ़ती ही है, लेकिन इस समय हर रोज 50 नए मरीज आ रहे हैं, जिन्हें दमा, खासी या सास लेने में दिक्कत हो रही है।