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Assembly by-election: जातिगत समीकरण भिड़ाकर प्रत्याशी चुनावी नैया को पार करने के प्रयासों में जुटे

नौगावां सादात विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हैं। जातिगत समीकरण भिड़ाकर प्रत्याशी चुनावी नैया को पार करने के प्रयासों में जुटे हैं। हर प्रत्याशी जातिगत आंकड़ों में उलझा है और मतदाता भी बेचैन नजर आ रहे हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 09:37 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 09:37 AM (IST)
Assembly by-election: जातिगत समीकरण भिड़ाकर प्रत्याशी चुनावी नैया को पार करने के प्रयासों में जुटे
विधानसभा उपचुनाव : जातिगत समीकरण भिड़ाकर प्रत्याशी चुनावी नैया को पार करने के प्रयासों में जुटे

अमरोहा, जेएनएन। नौगावां सादात विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हैं। जातिगत समीकरण भिड़ाकर प्रत्याशी चुनावी नैया को पार करने के प्रयासों में जुटे हैं। हर प्रत्याशी जातिगत आंकड़ों में उलझा है और मतदाता भी बेचैन नजर आ रहे हैं। नतीजतन समस्याओं के निराकरण नहीं होने पर वह चुनाव का बहिष्कार तक करने की चेत तक करने की चेतावनी दे चुके हैं। गांव में पोस्टर व बैनर तक लगा दिए हैं। इस सबके बावजूद प्रत्याशियों का ध्यान केवल जातिगत वोट को रिझाने में लगा है। जनता की समस्याओं से उनको कोई सरोकार नहीं है। जिले में उपचुनाव चल रहा है। प्रशासनिक अमले की तैयारियों से उसका आभास हो रहा है लेकिन, प्रत्याशियों के नरम पड़े तेवरों से माहौल चुनावी रंग में नहीं रंग पा रहा है। जिस नौगावां सादात विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है, उसमें मतदाताओं की कुल संख्या 3, 21, 664 है। जिसमें युवा वोटर 1,03,344 हैं। 100 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं की संख्या 134 है। 60 से 100 साल तक की उम्र वाले मतदाता 44,254 हैं। 20 से 29 साल की उम्र वाले 96,821 वोटर हैं। इस चुनाव में प्रत्याशी प्रचार-प्रसार तो कर रहे हैं लेकिन, स्थानीय मुद्दों को लेकर उनके बीच नहीं पहुंच रहे हैं। जिसकी वजह से मतदाता भी हैरान हैं और उलझन में पड़े हैं कि कैसे नेता चुनाव लड़ रहे हैं। जिनके प्रचार में कोई क्षेत्रीय समस्या ही नहीं है। भले ही प्रत्याशी उपचुनाव में स्थानीय मुद्दों से किनारा कर रहे हैं लेकिन, जातिगत समीकरणों पर उनकी पूरी नजर हैं। विधानसभा में कितने किस बिरादरी के वोट हैं और कितने पक्ष में पड़ेंगे और कितने नहीं, बस अंदाजन आंकड़ा जुटाकर चुनावी विजेता का खिताब पाने की दौड़ में लगे हैं। यहां बता दें कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव रझोहा में जनसभा को संबोधित किया। वहां मुजफ्फरनगर दंगे का जिक्र कर जाटों को साधने की कोशिश की। इसके अलावा अन्य नेता भी वर्तमान सरकारों की बुराई कर अपनी सरकार के कार्यकाल का गुणगान करने में जुटे हैं। कोई हाथरस कांड में जयंत चौधरी पर लाठी चार्ज की घटना का जिक्र भाषण में कर जाट बिरादरी को रिझाने में लगा है तो कोई बलरामपुर व हाथरस कांड का जिक्र कर अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर डोरे डाल रहा है। कोई ठोस मुद्दा किसी के पास नहीं है ताकि, मतदाता सीधे उनसे जुड़ सके।

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मतदान के बहिष्कार की आवाज उठा रहे मतदाता

हसनपुर तहसील क्षेत्र का गांव सब्दलपुर शुमाली व कूड़ी वीरान के मतदाताओं ने सड़क व अन्य समस्याओं को लेकर आवाज उठानी शुरू कर दी है। दोनों गांव के लोगों ने चेतावनी दी है कि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो मतदान का बहिष्कार करेंगे। हालांकि, अधिकारी उनको मनाने के प्रयास में जुटे हैं लेकिन, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को शायद उनकी समस्याओं की फिक्र नहीं है।


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