ईरान की मुद्रा में आया उछला, पीतल कारोबार का रास्ता साफ तो निर्यातकों ने महसूस की राहत
मुरादाबाद : ईरान की मुद्रा अवमूल्यन के चलते आयात पर लगी रोक ने निर्यातकों के सामने संकट खड़ा कर दिया था।
मुरादाबाद : ईरान की मुद्रा अवमूल्यन के चलते आयात पर लगी रोक ने निर्यातकों के सामने संकट खड़ा कर दिया था। मुद्रा में मजबूती आने के बाद अब आयात खोलना शुरू कर दिया है। इसके बाद कस्टम कार्यालय अब फिर से खुल गए हैं। मुरादाबाद के निर्यातकों के भेजे गए आर्डर लिए जाने का मैसेज जारी हो गया है। इससे निर्यातकों ने राहत की सांस ली है। ईरान ने मुद्रा अवमूल्यन होने के कारण आयात पर लगा रखी थी रोक
-मुरादाबाद से ईरान को 200 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया जाता है। पिछले दिनों अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके कारण ईरान की मुद्रा ईरानी रियाल लगातार कमजोर रही थी। प्रतिबंध लगने के बाद उसका अवमूल्यन बहुत तेजी से हुआ। हालत ये रहा कि डॉलर के मुकाबले रियाल तीन से चार गुना नीचे गिर गया। ऐसे में ईरान ने अपनी अर्थव्यवस्था व रियाल की मजबूती के लिए कठोर फैसले लेते हुए आयात पर रोक लगा दी। मुरादाबाद के बीस से अधिक निर्यातकों ने करोड़ों रुपये के आर्डर तैयार होकर शिपमेंट करा दी थी। आयात पर रोक के कारण उनका सारा सामान पोर्ट पर ही कस्टम अधिकारियों ने रोक दिया। इसके साथ कई और निर्यातकों के आर्डर पूरे हो चुके थे और रवाना किए जाने थे।
धीरे-धीरे आयात पर लगी रोक हटाना किया शुरू
- आर्डर पूरे होने के बावजूद बायर्स ने पेमेंट करने से मना कर दिया। इसके चलते करोड़ों रुपये बैठे-बैठाए फंस गए। इस स्थिति से निकलने के लिए निर्यातकों ने भारत सरकार से मदद मांगी थी। मंत्रालयों को पत्र लिखकर कोई रास्ता निकालने की मांग रखी। सरकार ने भी प्रयास किए।
पहले चरण में भारत को मिली राहत
-ईरान ने अभी आयात पूरी तरह से नहीं खोला है। आवश्यक सामान पर ही कुछ देशों से आयात हुए सामान को ही देश में लेने की अनुमति दी है। इसमें भारत भी शामिल है।
बायर्स के सामान उठाने के आने लगे हैं मैसेज
-यंग इंटरप्रेन्योर सोसाइटी के संरक्षक सतपाल ने बताया कि ईरान के कस्टम कार्यालय खोल दिए गए हैं। मुरादाबाद के बड़ी संख्या में कंटेनर ईरान के पोर्ट पर पड़े हुए थे। बायर्स के सामान उठाने के संबंध में मैसेज आने लगे हैं। इसके लिए हमने लगातार प्रयास किए थे। निर्यातकों के लिए राहत की बात है।