मुरादाबाद में डॉक्टर दान में मांग रहे एसी, 60 लाख से बनी बर्न यूनिट एसी के बिना शुरू नहीं हो पा रही
Moradabad District Hospital Burn Unit आग झुलसे हुए मरीजों के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय में उपचार के बजाय रेफर केंद्र बना हुआ था। आग की या किसी अन्य प्रकार से झुलसे लोगों को समय से उपचार मिलेगा और उनकी जान बचाई जा सकेगी।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad District Hospital Burn Unit : आग झुलसे हुए मरीजों के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय में उपचार के बजाय रेफर केंद्र बना हुआ था। बर्न यूनिट के लिए बिल्डिंग तैयार होने के बाद उम्मीद थी कि आग की या किसी अन्य प्रकार से झुलसे लोगों को समय से उपचार मिलेगा और उनकी जान बचाई जा सकेगी। पर यहां उलटा ही है बर्न यूनिट के लिए दान-दाता तलाशे जा रहे हैं जो इसके छह कक्षों के लिए एसी दान दे दे।
दो साल पहले तैयार बर्न यूनिट पर 60 लाख रुपये खर्च किए गए। फिलहाल इसमें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जा रहा है। इसमें छह कक्ष में आठ बेड की व्यवस्था है। प्रथम तल पर आपरेशन थियेटर बनाया गया है। जिसमें जले हुए लोगों का आपरेशन किया जा सके। प्रबंधन ने आठ कर्मचारियों की देखरेख के लिए ड्यूटी भी लगा दी है। एसी लगाने के लिए प्रबंधन के पास बजट नहीं है। इस वजह से बर्न यूनिट संचालित नहीं हो पा रही है। विभागीय अधिकारियों का भी तर्क यही है कि अगर हमें एसी मिल जाएंगे तो यूनिट को चालू कर दिया जाएगा।
प्लास्टिक सर्जन की भी जरूरतः जिला संयुक्त चिकित्सालय की बर्न यूनिट में प्लास्टिक सर्जन का अहम रोल है। जले हुए मरीजों को सर्जरी की जरूरी होती है। इसके लिए जिला अस्पताल को प्लास्टिक सर्जन की जरूरत है। लेकिन, अभी इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। दावा किया जा रहा है कि प्लास्टिक सर्जन के लिए डिमांड की गई है। उम्मीद है जल्द सर्जन की व्यवस्था हो जाएगी।
पांच साल में 186 जले मरीज रेफरः पिछले पांच साल में तकरीबन 186 जले हुए मरीजों को मेडिकल कालेज के लिए रेफर किया जा चुका है। बर्न यूनिट शुरू होने से मुरादाबाद शहर, देहात, रामपुर, सम्भल, चन्दौसी, अमरोहा आदि के मरीजों को उपचार मिल सकेगा। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले दो साल से बर्न यूनिट तैयार है। बस एसी लगने से रह गए हैं। अस्पताल को कोई एसी दान कर दे तो बेहतर हो जाएगा। हम भी अपनी यूनिट शुरू हो जाएगी। इसका जनता को लाभ ही मिलेगा।