रूफटॉप सोलर सिस्टम से घर को बनाइए पावर हाउस
मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव) : रूफटॉप सोलर सिस्टम से आप अपने घर पर बिजली के खर्चे को कम कर सकते हैं।
मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव) : रूफटॉप सोलर सिस्टम से आप अपने घर पर बिजली के खर्चे को कम कर सकते हैं और पर्यावरण संरक्षण में मदद कर सकते हैं। विभागीय इंजीनियरों का कहना है कि एक किलोवाट सोलर सिस्टम के जरिए प्रतिदिन 4 ़5 यूनिट बिजली पैदा की जा सकती है। आंकलन किया जाए तो एक किलोवाट के जरिए 135यूनिट का बिजली का बिल हर महीने बचाया जा सकता है। पांच सौ के आसपास आता है बिल
विभागीय आकलन को माना जाए तो एक किलोवॉट कनेक्शन पर 150 यूनिट बिजली उपभोग होती है। इसमें इसमें फिक्स चार्ज और अन्य चार्ज मिलाकर करीब 500 रुपये के आसपास का बिल घर आता है। यदि एक किलोवॉट ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम से 135 यूनिट बिजली पैदा की जा सकती है, ऐसे में सिर्फ 15 यूनिट का बिल ही आपको देना होगा। एक किलोवॉट के लिए चाहिए 60 वर्ग फुट जगह
सीड के प्रोग्राम डॉयरेक्टर अभिषेक प्रताप का कहना है कि एक किलोवॉट रूफटॉप सोलर सिस्टम को लगाने करने के लिए करीब 60 वर्ग फुट जगह की जरूरत होती है। इसे लगाने में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सोलर सिस्टम का मुंह ईस्ट या वेस्ट दिशा में रखा जाता है जिससे सूरज की रोशनी उस पर पड़ती रहे। मिलती है सब्सिडी
सोलर सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार सब्सिडी भी दे रही हैं। एक किलोवॉट के सिस्टम को लगाने में करीब 60 से 70 हजार रुपये का खर्च आता है, ऐसे में 30 फीसद सब्सिडी केंद्र सरकार और 15 हजार रुपये की राज्य सरकार की ओर से मिलती है। ऐसे में 10 साल में इसको लगाने का पूरा खर्चा वसूल हो जाता है और बिजली भी मुफ्त हो जाती है। एमआइटी बचा रहा लाखों
मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने अपने परिसर की छत पर ऐसे ही 150 किलोवाट क्षमता के रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाकर लाखों के बिजली के खर्च को कम कर दिया है। एमआइटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक अग्रवाल का कहना है कि इस सिस्टम का फायदा इतना है कि संस्थान आने वाले चार से पांच सालों में सोलर सिस्टम का पूरा खर्च निकाल कर बिजली के बिल को खत्म कर देगा और सोलर सिस्टम से पैदा हुई बिजली का ही उपभोग भी करेगा। इतना ही नहीं अप्रैल 2018 में लगे इस सिस्टम के जरिए संस्थान ने प्रतिवर्ष 219 टन कार्बन डाईऑक्साइड को भी कम किया है और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा रहा है।