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दवा के बजाय व्यवस्थाओं पर खर्च हुआ बजट का पैसा

दवा के बजाय व्यवस्थाओं पर खर्च हुआ बजट का पैसा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 02:55 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 02:55 AM (IST)
दवा के बजाय व्यवस्थाओं पर खर्च हुआ बजट का पैसा
दवा के बजाय व्यवस्थाओं पर खर्च हुआ बजट का पैसा

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमित मरीज और उनकी देखभाल में लगे डॉक्टरों को क्वारंटाइन कराने के बाद स्वास्थ्य विभाग बजट को लेकर चिंतित है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग का ज्यादा पैसा दवा के बजाय व्यवस्थाएं बनाने में खर्च हुआ। अब विभागीय अधिकारी खर्चों में कटौती करने में जुटे हैं। छह होटलों में क्वारंटाइन किए गए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के खाने पर करीब 22 लाख रुपया खर्च हो चुका है। अब स्वास्थ्य विभाग के हालात ये हैं कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क के बजाय ट्रिपल लेयर मास्क दिए जा रहे हैं। महिला अस्पताल की नई बिल्डिग में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल में लगे डॉक्टरों को पीपीई किट दिन में एक ही दी जा रही है, जिससे वो मरीज के पास उसी समय जा पाए। इस वजह से मरीजों से भी संपर्क नही होने की वजह से वे हंगामा काट रहे है। विवेकानंद में भरा है एक सप्ताह से कचरा

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मुरादाबाद : एल-1 श्रेणी के सहायक अस्पताल के तौर पर विवेकानंद अस्पताल के नर्सिंग कालेज में भी बिना सिस्टम के मरीजों को रखा गया है। वहां कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल की गई पीपीई किट कूड़ेदान में भरी हुई हैं। कमरों की भी सफाई नहीं हुई है। नर्सिंग कालेज को सैनिटाइज भी नहीं किया गया है। कोरोना संक्रमित ने बताया कि कई बार ड्यूटी कर रहे स्टाफ से शिकायत की जा चुकी है। इसके बाद भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। पानी की व्यवस्था नहीं है और सफाई को देखने वाला भी नहीं है। खास बातें -

- 22 लाख होटल और खाने के बिल में खपा बजट का पैसा

- 04 क्वारंटाइन सेंटर समेत अन्य स्थान का खाने का बिल साढे़ तीन लाख

- 17 लाख रुपया 06 होटलों का स्वास्थ्य विभाग ने अदा किया

- 69 दिन में कोरोना वायरस से हांफा स्वास्थ्य विभाग

- छोटी बिसलेरी की बोतलों की जगह एक मई से रखे पानी के कंटेनर

- विवेकानंद नर्सिंग कालेज के क्वारंटाइन सेंटर में सफाई की भी नहीं व्यवस्था वर्जन -

- कोरोना वायरस को देखते हुए सामान लगातार मंगाया जा रहा है। जो डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ डयूटी के बाद क्वारंटाइन होगा तो उसका खर्च हम लोगों को ही उठाना पडे़गा। सफाई व्यवस्था और अन्य इंतजाम कराए जा रहे हैं।

डॉ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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