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बजट 2020:: सत्ता पक्ष ने बजट को सराहा, विपक्षियों ने बताया खोखला Rampur news

शनिवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020-2021 का बजट पेश किया। बजट आने के साथ ही लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 01:00 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 01:00 PM (IST)
बजट 2020:: सत्ता पक्ष ने बजट को सराहा, विपक्षियों ने बताया खोखला Rampur news
बजट 2020:: सत्ता पक्ष ने बजट को सराहा, विपक्षियों ने बताया खोखला Rampur news

रामपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार ने आम बजट में किसानों और कारोबारियों के लिए भी बहुत कुछ किया है। इसके बावजूद  इस बजट पर जनप्रतिनिधि अलग-अलग राय व्यक्त कर रहे हैं। सत्ता पक्ष के लोग इसे सभी के हित में बता रहे हैं तो विपक्ष के नेता इसे जनता के साथ धोखा बता रहे हैं। आइए जानते बजट पर रामपुर जनपद के पक्ष व विपक्ष के नेताओं की बजट पर प्रतिक्रिया:  

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बजट में रखा गया है सबका ध्यान : औलख

प्रदेश के जलशक्ति राज्य मंत्री बलदेव ङ्क्षसह औलख ने बजट को प्रत्येक नागरिक के हित में बताया है। उनके अनुसार बजट पूरी तरह से देश की उन्नति को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। इसके माध्यम से भारत की उन्नति के नए आयाम लिखे जाएंगे। युवाओं को शिक्षित करने, किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किए गए प्रयास बहुत ही सराहनीय हैं। देश की शिक्षा व्यवस्था और कृषि के स्तर को को ऊंचा उठाने के लिए जो प्रयास किए गए हैं, उनका कोई जवाब ही नहीं है। कुल मिला कर समाज के हर वर्ग का ध्यान इस बजट में रखा गया है। इस बजट से हर किसी को लाभ मिलना तय है। 

खोखले वादों से भरा बजट : नूरबानो 

पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने बजट को खोखले वादों का पिटारा कहा है। उनका कहना है कि देश के सामने आज मुख्य मुद्दा बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की नाजुक हालत है। इस पर कोई केंद्रीय ठोस रणनीतिक योजना इस बजट में नहीं शामिल की गई है। सरकार ने मान लिया है कि देश की अर्थव्यस्था खतरे में है। इसके साथ ही किसानों, महिलाओं, युवाओं और छात्रों के लिए भी कुछ नहीं है। किसानों के लिए कोई योजना सरकार ने प्रस्तुत नहीं की है। कुल मिला कर यह आजादी के बाद अब तक का सबसे खराब बजट है। 

सभी वर्गों का रखा ख्याल: भाजपा जिलाध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अभय गुप्ता का कहना है कि बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। किसानों और कारोबारियों के लिए बहुत कुछ है। आयकर में भी आम आदमी को छूट दी गई है। यह बजट सभी के लिए अच्छा है। इससे किसानों को भी फायदा होगा। महंगाई पर भी अंकुश लगेगा। आम आदमी बजट से बहुत खुश है। इस बजट से देश की तरक्की में और तेजी आएगी। शिक्षकों और कर्मचारियों को भी इस बजट से फायदा होगा।  

बजट में सबका रखा है ध्यान : नवेद मियां

पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के अनुसार सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पुरी तरह संतुलित है। इसमें सबके हितों पर फोकस किया गया है। उम्मीदों का भारत, आर्थिक विकास और केयङ्क्षरग सोसाइटी, इसके तीन महत्वपूर्ण ङ्क्षबदु हैं, लेकिन बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दे पर बजट में कोई सकारात्मक बात नहीं कही गई है। उम्मीद करते हैं कि यह बजट वर्तमान में चल रहे निराशाजनक माहौल को बदलने में सफल होगा। लोगों को आर्थिक मोर्चे पर राहत मिले, तब ही बजट को बेहतर माना जा सकेगा। 

गरीब जनता को कुछ भी नहीं दिया: बसपा जिलाध्यक्ष

बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर का कहना है कि बजट से देश के गरीब, मजदूर व किसानों को बहुत सी आशायें लगी हुई थीं, लेकिन उन्हें इससे पूरी तरह निराशा ही हाथ लगी है। देश की जनता की उन्नति के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है। पढ़े लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। उनके रोजगार के लिए बजट में कुछ व्यवस्था नहीं की गई है। सरकार पूंजीपतियों पर ही कृपा बरसा रही है। गरीबों के लिए, किसानों के लिए सरकार के पास कुछ भी नहीं है।   

किसी के लिए हितकर नहीं है बजट: आसिम खान 

कांग्रेस नेता आसिम खान का कहना है कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण जनता का बैंकों से पर से भरोसा उठ चुका है। हालत यह है कि आम आदमी बैंकों में पैसा जमा करने से डरने लगा है। सरकार देश की आर्थिक स्थिति सुधारने में नाकाम रही है। रोजगार के अवसर घटे हैं। इस बजट में भी किसी भी वर्ग के लिए कोई राहत भरी खबर नहीं है। न ही युवाओं के हित में कुछ किया गया है, न महिलाओं या किसानों के कल्याण की कोई नई योजना चलाई गई है। सरकार का यह रवैया देश हित में नहीं है।

बेरोजगारी पर नहीं दिया गया ध्यान : कांग्रेस जिलाध्यक्ष

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र देव गुप्ता का कहना है कि देश के युवा बेरोजगारी की मार झोल रहे हैं। उसके बावजूद बजट में रोजगार को लेकर कोई जिक्र नहीं है। भाजपा सरकार रोजगार छीन लेने में तो आगे है, लेकिन रोजगार देने में पूरी तरह फेल नजर आती है। कल तक हम चीन का मुकाबला करते थे, आज चीन से रोजगार लेने की बात कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी के नाम पर फिर धोखा देने की कोशिश की जा रही है। यह बजट आजादी के बाद का सबसे बड़ा धोखा है। 


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