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हमें सड़क पर ला दिया, काम पर अब नहीं आएंगे लौटकर Moradabad News

लखीमपुर की शांति देवी बोलीं गांव में ही कर लेंगे कोई कारोबार। लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों को बसों से उनके घर की ओर रवाना किया गया।

By Ravi SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 09:10 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 09:10 AM (IST)
हमें सड़क पर ला दिया, काम पर अब नहीं आएंगे लौटकर Moradabad News
हमें सड़क पर ला दिया, काम पर अब नहीं आएंगे लौटकर Moradabad News

मुरादाबाद,जेएनएन। शांति देवी का मन खिन्न है। बिटिया शिल्पी गुस्से में है। रंगोली की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मुरादाबाद डिपो से जब लखनऊ की बस आगे बढ़ी तो प्रवासियों को थोड़ा सुकून मिला लेकिन, लखीमपुर के कुनबे को इस बात का तनाव है कि अब लखनऊ के बाद वह घर कैसे जाएंगे।

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झज्जर जिले के बहादुरगढ़ से परिवार के साथ लखीमपुर के लिए निकली शंाति देवी और परिवार के सदस्यों का दर्द सबसे जुदा है। शांति कहती हैं कि भगवान किसी को गरीबी न दे। शांति दूर के रिश्तेदार के कहने पर चार साल पहले झज्जर की नामी जूता कंपनी में बेटी और बेटे के साथ काम करने गर्ईं थीं लेकिन 22 मार्च के बाद ही कंपनी ने काम से छुट्टी कर दी। दिहाड़ी में भी कंपनी से महीने भर में साढ़े सात हजार रुपये ही मिली पाते थे। पर अब तो कंपनी के अधिकारियों ने छह माह के बाद आने को कहा है। शांति देवी कहती हैं कि अब लौटकर नहीं आने वाले हैं। कंपनी ने सड़क पर ला दिया। खाने की दिक्कत है। अब घर जा रहे हैं, वहीं कुछ छोटा मोटा काम कर लेंगे। बगल में बैठी बिटिया शिल्पी तो कपंनी के इस गलत व्यवहार से अब तक गुस्से में है। बोली, सरकार कहां है? हम धक्के खा रहे हैं। सुबह घर से चले तो निजी बस वाले ने बस स्टैंड छोडऩे तक ही नौ लोगों का करीब 1800 रुपये किराया वसूल लिया। हांलाकि रोडवेज की बस में किराया नहीं लगा है लेकिन यह बस लखनऊ में ही हमें छोड़ देगी। हम लोग लखीमपुर कैसे जाएंगे?

दस बसों से रवाना किए गए श्रमिक

हरियाणा रोडवेज की बसों से दो सौ से अधिक मजदूर मुरादाबाद पहुंचे। जिन्हें गोरखपुर, अयोध्या, बस्ती, लखनऊ, बलिया, मऊ और बदायूं जाना था। रोडवेज प्रबंधन ने दस अलग-अलग बसों से उन्हें देर शाम तक रवाना किया। पंचकूला से आए श्रमिकों की संख्या अधिक थी।

-- हरियाण परिवहन की सात बसों से आए लोगों को रवाना कर दिया गया। यहां से दस बसें भेजी गयीं हैं। सभी लोग लखनऊ और पूर्वांचल के रहने वाले थे। मजदूरों को उनके जिलों में बसें पहुंचाएंगी। -- संदीप नायक, एआरएम।  


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