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Lockdown side effect : बंदी ने तोड़ी छोटे व मध्य वर्ग के कारोबारियों की कमर, उबरने में लगेगा वक्‍त Sambhal News

इस बंदी ने चाय पान छोटे होटल फुटपाथ पर कपड़ा के व्यवसाई नाई जैसे अन्य व्यवसाय करने वाले लोगों की स्थिति अब पूरी तरह से चरमराती नजर आ रही है।

By Edited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:38 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:10 AM (IST)
Lockdown side effect : बंदी ने तोड़ी छोटे व मध्य वर्ग के कारोबारियों की कमर, उबरने में लगेगा वक्‍त Sambhal News
Lockdown side effect : बंदी ने तोड़ी छोटे व मध्य वर्ग के कारोबारियों की कमर, उबरने में लगेगा वक्‍त Sambhal News

सम्‍भल, जेएनएन।  बंद से प्रभावित कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन में शासन द्वारा छोटे व मध्यम वर्ग के दुकानदारों को कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई। इससे उनकी आर्थिक तंगी और बढ़ गई है। अब उनके सामने परिवार के जीविकोपार्जन का संकट उत्पन्न हो गया है। दुकानें बंद है, लेकिन किराया बंद नहीं है। कहना है कि दुकान बंद रहने के साथ ग्राहकों के मन में कोरोना वायरस का भय इतना व्याप्त हो गया है कि ग्राहक बाजार में सामान खरीदने के लिए निकल ही नहीं रहे हैं, जिसके चलते दुकानों पर दुकानदारी पहले की अपेक्षा घटकर महज दस फीसद ही रह गई है। कुछ दुकानदारों को तो दुकान का किराया चुकाने की भी चिंंता सताता है। एक जन सेवा केंद्र संचालक के मुताबिक लॉकडाउन से पूर्व हर रोज एक हजार की बचत हो जाती थी, जिसमें प्रतिमाह पांच हजार रुपये दुकान के किराए के चले जाते थे लेकिन अब तो एक माह में महज तीन हजार रुपये भी नहीं बच पा रहे, जिससे दुकान का किराया कैसे चुकाया जाए? वहीं शादी-विवाह के बदले स्वरूप ने printing प्रेस के कारोबार को चौपट कर दिया है, जिन्हें भी सरकार से मदद की उम्मीद है।

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लॉकडॉउन के दौरान हमने जनसेवा केंद्र तो चलाया लेकिन पहले की अपेक्षा काम मुश्किल से 30 फीसद रह गया है, जहां पूर्व में किसान खसरा, खतौनी से लेकर आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र समेत कई प्रकार के आवेदन के लिए ग्राहक आते थे। अब वर्तमान में सिर्फ पास जारी करने के लिए ही आवेदन भरे जा रहे हैं।

शरद कुमार, जन सेवा केंद्र संचालक, बहजोई।

काफी महंगे किराया चुकाते हुए मोटर पा‌र्ट्स की दुकान चलाते हैं। लॉकडाउन से पूर्व अच्छी खासी दुकानदारी थी लेकिन बंदी के बाद से ठीक दो माह तक दुकान बंद रही है, जिससे ना केवल घर के खर्चे में दिक्कत हुई है बल्कि दुकान का किराया भी उधार लेकर चुकाया है।

अक्षय गोयल, कारोबारी मोटर पा‌र्ट्स, बहजोई।

हम कपड़ों का कारोबार करते हैं, जिसकी दुकानदारी ग्राहकों पर निर्भर होती है। लॉकडाउन के चलते ग्राहक बाजार में दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिससे दुकानदारी पूरी तरह से ठप पड़ गई है। पिछले दो माह से दुकान का किराया भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कौशल वाष्र्णेय, कपड़ा कारोबारी, बहजोई

PRINTING प्रेस और फ्लैक्सी का कारोबार है। शादी विवाह का स्वरूप पहले की अपेक्षा पूरी तरह से बदल गया है। लोग अब ना तो कैलेंडर छपवा रहे हैं और ना ही शादी कार्ड, जिसके चलते कारोबार घटकर दस फीसद रह गया है।

नीरज वाष्र्णेय, फ्लेक्सी कारोबारी, बहजोई।


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