ईंट कारोबारियों का एलान, अगले साल नहीं चलाएंगे भट्ठा
ईंट कारोबारियों का एलान अगले साल नहीं चलाएंगे भट्टा।
ईंट कारोबारियों का एलान, अगले साल नहीं चलाएंगे भट्ठा
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : प्रदेश सरकार से ईंट पर जीएसटी बढ़ाने जाने से भट्टा स्वामी नाराज हैं। रविवार को डिस्ट्रिक भट्ठा एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक में जीएसटी बढ़ाए जाने के फैसले का विरोध किया गया। सभी ने एकमत होकर जीएसटी बढ़ाए जाने के विरोध में अगले सीजन में भट्ठा संचालित नहीं करने की घोषणा कर दी।
भट्ठा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा कि अप्रैल से ईंट पर जीएसटी एक प्रतिशत से बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दी गई। कोयले के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में ईंट बनाना मुश्किल होता जा रहा है। ईंट पर पांच प्रतिशत बढ़ाई गई जीएसटी को वापस लिया जाना चाहिए। सरकारी दाम पर कोयला दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो अगले सीजन वर्ष 2022-23 में कोई भट्ठा संचालित नहीं होगा। उत्तर प्रदेश ईंट निर्माता समिति, लखनऊ ने भी आगामी सीजन में संपूर्ण प्रदेश में हड़ताल का निर्णय लिया है। अध्यक्ष ने सभी भट्टा स्वामियों से एकजुट रहने का आह्वान किया। कहा कि एकजुटता से ही हमारी मांगे पूरी हो सकती हैं। बैठक में एसोसिएशन के महामंत्री संजीव चौधरी, कोषाध्यक्ष नवीन जैन, अनिल अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, उपाध्यक्ष हाजी मुर्तजा, हाजी राफी, ठाकुरद्वारा के नगर अध्यक्ष हाजी शमीम, बिलारी के अध्यक्ष हाजी वाजिद, परवेज, आशीष कुमार, हाजी कमरुद्दीन आदि मौजूद रहे।
महंगा होगा घर बनाने का सपना
-जीएसटी बढ़ाए जाने से ईंट के दाम बढ़ने के आसार लग रहे हैं। इससे आम आदमी का घर बनाने का सपना भी महंगा हो जाएगा। भट्टा एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि जीएसटी बढ़ने के बाद ईंट का रेट बढ़ाते हैं तो बिक्री बंद हो रही है। ऐसे में कोई भट्टा स्वामी ईंट के नाम भी बढ़ाने से बच रहा है, क्योंकि ईंट के दाम बढ़ते ही घर बनाना और महंगा हो जाएगा। इस हालत में एक ही तरीका बचा है कि भट्टा बंद कर दो।
जिले में ईंट भट्टों की संख्या- 350
अव्वल ईंट के दाम (प्रति हजार)- 6000-6500
दोयम ईंट के दाम (प्रति हजार) 5000-5500
तलसा ईंट के दाम (प्रति हजार) 3200-3500