ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से सहमी पीतल नगरी
ईरान पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध ने मुरादाबाद का धातु हस्तशिल्प निर्यात भी सहम गया है।
मुरादाबाद : ईरान पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध ने मुरादाबाद का धातु हस्तशिल्प निर्यात भी सहम गया है। निर्यातक ईरान से कारोबार को लेकर तनाव में आ गए हैं। निर्यात में कमी का सीधा असर लाखों कामगारों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। पिछले लंबे समय से इस मुद्दे को लेकर दुविधा की स्थिति चल रही थी। लेकिन, अब इस मामले की पर अमेरिका के सख्त रुख अपनाए जाने से निर्यातकों के सामने दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। इसको लेकर भारत सरकार भी हाथ खड़े कर चुकी है। ऐसे में उन निर्यातकों के सामने सबसे ज्यादा दिक्कत है, जिनके आर्डर तैयार हो चुके हैं या शिपमेंट के निकल चुकी हैं। ईरान को निर्यात करने में बचना ही लाभकर
-इस मुद्दे पर मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने भारतीय हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईपीसीएच) को पत्र लिखकर मदद करने की मांग रखी थी। ईपीसीएच ने भी केंद्रीय वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग रखी थी। इसके चलते कुछ समय तक राहत भी मिली थी, लेकिन अब कोई उम्मीद बाकी नहीं रही है। अब ईपीसीएच की ओर से भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि ईरान को निर्यात करने में बचना ही लाभकर होगा।
सावधानी बरतें तो ज्यादा बेहतर
-एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल ने बताया कि ईपीसीएच की ओर दी गई सूचना के अनुसार बैंक की ओर से लेन-देन के लिए तीस अगस्त तक का समय दिया गया है। इसके बाद वह भी बंद हो जाएगा, जो निर्यातक ईरान से कारोबार कर रहे हैं वह सावधानी बरतें तो ज्यादा बेहतर है।
इससे होगा करोड़ों रुपये का नुकसान
-पूर्व सचिव सतपाल ने बताया कि इस ईरान से कारोबार पर प्रतिबंध से मुरादाबाद के लिए बड़ी समस्या खड़ी हुई है। सरकार को पत्र लिखा जा रहा है कि वह इसमें सहयोग करें। अगर सरकार ईरान की सरकार से वार्ता करके डॉलर के बजाय रुपये में कारोबार करे तो कारोबारी गतिविधियां संभव हैं। इसके लिए ईरान सरकार को स्वीकृति भारत सरकार से लेनी पड़ेगी। पर ऐसा संभव नहीं है। दिक्कत इस बात की है कि कई निर्यातकों का माल तैयार है और शिपमेंट बाकी है। वहीं, बायर्स ने बात करना भी बंद कर दिया है। इससे उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान होगा।