प्रसव के दौरान ब्लीडिंग से चिकित्सक भी हो जाते हैं परेशान, काबू पाने के लिए अपनाते हैं ये तरीका Moradabad News
होटल रीजेंसी में हुई आब्सटेट्रिक्स गायनोकोलोजिकल सोसायटी की कार्यशालाल विशेषज्ञ चिकित्सकों ने प्रोजेक्टर के जरिए समझाई आपरेशन की दुश्वारियां।
मुरादाबाद, जेएनएन। मुरादाबाद आब्सटेट्रिक्स गायनोकोलोजिकल सोसायटी की वार्षिक सतत चिकित्सा पर कार्यशाला इनसाइड ऑब्स-गायनी 2019 दिल्ली रोड स्थित होलीडे रीजेंसी में हुई। सोसायटी संस्थापक डॉ. नीना मोहन ने वक्ताओं का स्वागत किया। बांदा मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ. मुकेश यादव ने मेडिकोलीगल के बारे में महिला रोग विशेषज्ञों को जानकारी दी। उन्होंने कहा मरीज की स्थिति के बारे में पहले ही उसके परिवार को पूरी जानकारी दें। फरीदाबाद की डॉ. दिव्या कुमार, डॉ. कजली गुप्ता, डॉ. जेबी शर्मा ने भी अनुभव साझा किए। प्रोजेक्टर पर डेमो के साथ चिकित्सकों को नई तकनीक की जानकारी दी गई। अध्यक्षता डॉ. लीना चौहान संचालन डॉ. सबा असद और डॉ. शाजिया मोनिस ने संयुक्त रूप से किया। इसमें डॉ. ऋचा गंगल, डॉ. ऊषा सिंह, डॉ. अर्चना अग्रवाल, डॉ. प्राप्ति सिंह, डॉ. मधुलिका बत्रा, डॉ. प्रगति गुप्ता, डॉ. प्रीति गुप्ता, डॉ. निधि ठाकुर, डॉ. नेहा चंद्रा, डॉ. शुभांगी अग्रवाल, डॉ. उमा भारतवाल, डॉ. सोनम, डॉ. सारिका, डॉ. शैफाली सिंह रहीं।
आधुनिक तकनीक से रोकें महिलाओं की ब्लीडिंग
दिल्ली हमदर्द इंस्टीटयूट की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुणा निगम ने बताया कि प्रसव के बाद ब्लीडिंग से चिकित्सक परेशान हो जाते हैं। इसे पूरी तरह रोका जा सकता है लेकिन, इसे रोकने के लिए विशेषज्ञ होना जरूरी है। प्रसव के बाद ब्लीडिंग रोकने के लिए नसों को बांधकर टांका लगाएं, आपरेशन थियेटर में मरीज की जिंदगी के लिए फौरन ही फैसला लेना होता है।
प्रसव के दौरान होती है गर्भवती को ब्लड प्रेशर की दिक्कत
नई दिल्ली अपोलो अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. चित्रा सेतिया ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में अब सबसे अधिक दिक्कत ब्लड प्रेशर की देखने में आ रही है। इसकी वजह से प्रसव के दौरान समस्या हो जाती है। इसलिए शुरुआत में ही ब्लड प्रेशर के मरीज को परीक्षण कराने के साथ इलाज शुरू कर देना चाहिए। इससेे गर्भवती को प्रसव के दौरान समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रसव के बाद होता है यूरीन इंफेक्शन, कराएं इलाज
गुडग़ांव स्थित मेदांता अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. निखिल खट्टर ने बताया कि प्रसव के बाद यूरीन इंफेक्शन की समस्या बहुत हो रही है। इसके लिए इलाज की व्यवस्था है। इसकी समस्या से निपटने के लिए मसल्स टिशू लेकर उसकी जांच कराई जाती है। इसके बाद इलाज शुरू किया जाता है। इस विधि से महिला को जल्द इलाज मिल जाता है और यूरीन इंफेक्शन भी खत्म हो जाता है।