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मुरादाबाद में खाद की कालाबाजारी, खाद के बोरों का ह‍िसाब नहीं दे पाए चार दुकानदार

Black marketing of manure in Moradabad यूरिया और अन्य किसी भी प्रकार की खाद की किल्लत न होने पाए इसलिए कालाबाजारी रोकने के लिए न‍िगरानी कराई जा रही है। हर बार जांच में कोई न कोई दुकानदार फंसता रहता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 06:12 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 06:12 AM (IST)
मुरादाबाद में खाद की कालाबाजारी, खाद के बोरों का ह‍िसाब नहीं दे पाए चार दुकानदार
खाद बेचने में हेराफेरी करने वाले चार दुकानदार फिर फंसे।

मुरादाबाद, जेएनएन। Black marketing of manure in Moradabad। यूरिया और अन्य किसी भी प्रकार की खाद की किल्लत न होने पाए, इसलिए कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन खाद बेचने वालों की कड़ी निगरानी करा रहा है। पॉश मशीनों के जरिए पोर्टल पर रोजाना खाद बेचने के जानकारी पहुंच जाती है। पोर्टल से ही डीएम जिले में सबसे अधिक खाद बेचने वाले 20 किसानों की सूची उठाकर जांच करा लेते हैं। कई बार इसी जांच में खाद विक्रेता फंस चुके हैं। लेकिन, इसके बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। 

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अक्टूबर माह की जांच में चार दुकानदार फिर फंस गए। सभी का लाइसेंस निरस्त होना तय माना जा रहा है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने अक्टूबर माह में सबसे अधिक खाद की बिक्री करने वाले 20 खाद विक्रेताओं की सूची उनके क्षेत्र के उपजिलाधिकारियों को सौंपी थी। जांच पूरी करने के बाद सभी ने रिपोर्ट सौंप दी है। बताया जा रहा है कि इस बार जांच में चार दुकानदार फंस गए हैं। लेकिन, खाद के बोरों की संख्या पहले से बहुत कम है। इस बार चारों दुकानदार 15-25 खाद की बोरों का हिसाब नहीं दे पाए हैं। किसी दुकानदार का जवाब भी संतोषजनक नहीं है। दो तो ऐसे हैं, जिन्होंने जिस नाम से खाद बेचने की बात कही है, वह मिल ही नहीं रहा है। ऐसे में खाद विक्रेताओं की भूमिका संदिग्ध है। जिला कृषि अथिकारी ऋतुषा तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी हर महीने खाद विक्रेताओं की अचानक जांच करा रहे हैं। अक्टूबर माह की जांच पूरी हो गई है। इसमें भी चार दुकानदार खाद का हिसाब नहीं दे पाए हैं। इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। 

फर्जी कागज लगाकर ले लिए थे लाइसेंस

मुरादाबाद में फर्जी तरीके से लाइसेंस बनाकर खाद की बिक्री करने का भंडाफोड़ हो चुका है। तीन व्यक्तियों ने कृषि विभाग में सहकारी समितियों के फर्जी कागज लगाकर खाद की बिक्री के लाइसेंस ले लिए थे। जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेकर लाइसेंस निरस्त करा दिए। कांकड़खेड़ा उद्यान समिति के इंतेखाब के अलावा बिलाखदान उद्यान समिति के शमशाद ठाकुरद्वारा, करनपुर और मोहनपुर उद्यान विभाग की समिति के शादाब हुसैन को सबसे बड़ा मास्टर माइंड बताया जा रहा है। इन सबके खिलाफ डिलारी, कुंदरकी व मूंढापांडे थानों में मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन, नापतौल करके कार्रवाई कर रही है। इसकी वजह से अभी तक किसी के खिलाफ ठोस कार्र‌वाई नहीं हुई है।


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