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जन्मदिन पर विशेष: स्वामी विवेकानंद के विचारों को साकार कर रहे युवा Moradabad news

इसमें पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं को पेंटिंग कारपेंटर सहित अन्य कामों को सिखाया जाता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 02:45 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 02:45 PM (IST)
जन्मदिन पर विशेष: स्वामी विवेकानंद के विचारों को साकार कर रहे युवा Moradabad news
जन्मदिन पर विशेष: स्वामी विवेकानंद के विचारों को साकार कर रहे युवा Moradabad news

मुरादाबाद, (रवि प्रकाश सिंह रैकवार)। 'उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाएÓ का संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणास्रोत  स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी युवाओं में ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। कभी उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आत्मविश्वास और साहस के बल पर इंसान असंभव को भी संभव करके दिखा देगा। उनके विचारों का असर समाज के हर वर्ग पर पड़ा। सब्जी का ठेला लगाने वाले से लेकर एमबीए पास युवा तक उनके विचार से प्रभावित होकर लोगों को स्वावलंबी और मेहनतकश बना रहे हैं। विवेकानंद ने दुनिया को उर्जा का ऐसा युग दिया जिसका कभी अंत नहीं हो सकता। उनके जन्मदिवस को इसी लिए युवा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। 

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युवाओं में ऊर्जा का संचार कर रही शिवोहम

शहर की शिवोहम ऐसी संस्था है जो पढ़ाई छोड़ चुके बेरोजगार युवाओं को रोजगार देकर स्वावलंबी बना रही है। आशियाना कालोनी में रहने वाली  शिवोहम की मुखिया शिवांगनी शर्मा बताती हैं कि स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करते हुए उन्होंने युवाओं को गलत दिशा में जाने से बचाने की ठानी। उन्होंने बताया कि जब वह एमबीए कर रही थीं तब बेरोजगारी के कारण बढ़ रहे अपराध और नशाखोरी की गिरफ्त में आने वाले युवाओं को देखकर उनका मन व्यथित हो जाता था। उसके बाद उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों को स्किल डेवलपमेंट के तहत स्वावलंबी बनाने और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शिवोहम की स्थापना की। 

काम सीखने के दौरान मिलता है खाना 

शिवांगनी लोगों को छह से आठ महीने तक काम सिखाती हैं। इस दौरान वह काम सीख रहे युवाओं को खाना और कुछ रुपये भी दिए जाते हैं। कांठ के आसपास के गांवों के 80 से ज्यादा युवा स्किल सीखकर आत्मनिर्भर बन चुके हैं। कंस्ट्रकशन के काम से जुड़ी शिवांगनी बताती हैं कि उनकी कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वह खुद ही रोजगार दे सकें। 

आपसी सहयोग से होता है धनराशि का जुगाड़ 

शिवांगनी बताती हैं कि जिन युवाओं को काम सिखाया जाता है, उनकी आर्थिक मदद भी की जाती है। इसके लिए संस्था अपनी ओर से कुछ व्यवस्था करती है तो कुछ उनके साथ काम करने वाले सहयोग करते हैं। इसके अलावा जहां-जहां प्रोजेक्ट चल रहे हैं वहां, उन्हें काम दिलाते हैं, जिससे कुछ मजदूरी भी मिल सके। पहाड़ी क्षेत्रों में शिवोहम के कार्यकर्ता सफाई अभियान भी चलाते हैं। 

स्वच्छता का संदेश दे रही टोली 

युवाओं की एक टीम जिनके पास खुद के रोजगार की गारंटी नहीं, पर देश और समाज के प्रति एक जज्बा है, स्वच्छता के लिए काम कर रही है। सूरज नगर में रिक्शा चलाने और सब्जी का ठेला लगाने वाले लोगों ने महानगर को साफ रखने का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया है। नव युवा ऊर्जा संस्था स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानती है। 55 सदस्यीय दल उनके दिखाए रास्ते पर चलकर समाज में बदलाव के लिए कार्य करते हैं। हर सप्ताह शहर के किसी एक मुहल्ले में जाकर चार सफाई अभियान चलाते हैं। चयनित जगह जब तक पूरी तरह से साफ नहीं होती तक तक उनका काम नहीं रुकता। संगठन के मुखिया मुकेश सिंह बताते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने भारत की छवि को पूरे देश में चमकाया। स्वच्छता उन्हें बहुत प्रिय थी। मेरी संस्था में रिक्शा चालकों, सब्जी का ठेला लगाने वालों से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग शामिल हैं। इसमें ज्यादातर युवा हैं। पिछले साल ही अस्तित्व में आई इस संस्था के लोग सफाई के साथ स्वामी विवेकानंद के विचारों को भी जन-जन तक पहुंचाते हैं। 


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