Bird flu in Moradabad : छजलैट ब्लॉक में अलर्ट, 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांवों का होगा सर्वे
वन विभाग की टीम साइबेरियन पक्षियों पर नजर रखे हुए हैं। पिछले दो दिन से हम गोष्ठी करके लोगों को बर्ड फ्लू से बचाव की जानकारी दे रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि आइ कान्टेक्ट से भी बर्ड फ्लू होने की आशंका बनी रहती है।
मुरादाबाद, जेएनएन। छजलैट ब्लॉक के मौढ़ा तैय्या गांव में मरे कौवे में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने से जिला प्रशासन में खलबली मची हुई है। डीएम राकेश कुमार सिंह ने अधिसूचना जारी करके मौढ़ा तैय्या गांव के आसपास दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को सर्विलांस जोन घोषित किया है।
वन विभाग की टीम झील में अठखेलियां करने आने वाले साइबेरियन पक्षियों की कड़ी निगरानी कर रही है। पशुपालन विभाग की टीम ग्रामीणों को बर्ड फ्लू को लेकर जागरूक करने में लगी है। साथ ही इस क्षेत्र में दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांवों का सर्वे कराया जा रहा है। डीएम ने अधिसूचना में कहा है कि 28 जनवरी को कौवे एंव बत्तख के लार एवं बीट से नमूने जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली भेजे गए थे। कौवे(जंगली पक्षी) के नमूने में एवियन इंफलूएंजा वायरस (एचपीएआइ)के लिए पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। शेष नमूने निगेटिव पाए गए हैं। निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रेक्षक, पशु पालन विभाग, उत्तर प्रदेश, कृषि उत्पादन आयुक्त, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन और भारत सरकार द्वारा जारी एक्शन प्लान फार प्रिवेन्शन, कंट्रोल एंड कंटेनमेंट ऑफ एविशन इंफलूएंजा के अनुसार एपिसेंटर से 10 किलोमीटर की परिधि में सर्विलांस जोन बनाया जाता है। मौढ़ा तैय्या गांव में सुनील कुमार सिंह के घर के पास जिन कौवों में बर्ड फ्लू के लक्षण मिले हैं, वह 26 जनवरी को मृत मिले थे। पशुपालन विभाग के अधिकारियों को 30 जनवरी को बर्ड फ्लू के दस्तक देने की जानकारी मिली। जिले में बर्ड फ्लू के दस्तक देने के बाद से जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। कांठ और छजलैट के पशु अस्पतालों का कार्यभार संभाल रहे पशु चिकित्सक डॉ. नवनीत यादव ने अपनी टीम के साथ कई गांव का भ्रमण किया। नजराना गांव स्थित हुकुम सिंह के पोल्ट्री फार्म से 10 मुर्गियों के लार और दस की बीट का नमूना लेकर जांच के लिए आइवीरआरआइ, बरेली को भेजा है। पशुपालन विभाग की तरफ से मौढ़ा तैय्या गांव के लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरिशंकर शर्मा ने बताया कि मौढ़ा तैय्या गांव के आसपास दस किलोमीटर के दायरे को सर्विलांस जोन बनाया है। इस इलाके के गांवों का सर्वे कराया जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि पक्षियों का आवागमन सबसे ज्यादा कहां होता है। इसके अलावा पक्षियों के नमूने लेकर जांच को आइवीआरआइ, बरेली भेजे जाने का सिलसिला जारी है। जिला पंचायत राज अधिकारी, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, सभी उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका और नगर पंचायतों को अलर्ट रहने की सूचना दे दी है। वन विभाग की निगरानी में साइबेरियन पक्षी-वन दारोगा वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मौढ़ा तैय्या झील में साइबेरियन पक्षी आए हुए हैं। अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि कौवे में इन्हीं के संपर्क में आने से बर्ड फ्लू के लक्षण मिले हैं।
पीपीई किट तक नहीं, खतरे में कर्मचारी
मौढ़ा तैय्या गांव में कौवे के खून का नमूना पशुधन प्रसार अधिकारी जितेंद्र कुमार ने लिया था। उसके पास गलब्स तक नहीं थे। पन्नी हाथ पर लपेटकर पशुपालन विभाग के कर्मचारी पक्षियों के नमूने ले रहे हैंं। ऐसे में बर्ड फ्लू से बचाव के लिए पशुपालन विभाग के इंतजामों का खुद की अंदाजा लगाया जा सकता है। यही हाल रहा तो बर्ड फ्लू का दायरा बढ़ सकता है।