बंदरों की उछल कूद से बिदका पुलिस का हीरो
बंदरों की उछल कूद से उत्तर प्रदेश पुलिस का हीरो इस कदर बिदका कि सिविल लाइन रोड से लेकर चक्कर की मिलक तक अफरातफरी मच गई। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद हीरो पर पुलिस काबू पा सकी।
श्रीशचंद्र मिश्र, मुरादाबाद (जेएनएन)। बंदरों की उछल कूद से उत्तर प्रदेश पुलिस का हीरो इस कदर बिदका कि सिविल लाइन रोड से लेकर चक्कर की मिलक तक अफरातफरी मच गई। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद हीरो पर पुलिस काबू पा सकी। बेकाबू हीरो की रफ्तार से एक किशोर और एक बैल को चोट आई है। फिलहाल पुलिस का हीरो अस्तबल में है। चोटें उसे भी आईं हैं।
ऐसे बेकाबू हुआ हीरो
डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी की अश्वशाला में घोड़े की सफाई रोज होती है। गुरुवार को करीब 10 बजे सभी सइस्त (घोड़े की देखभाल करने वाला) अपने-अपने घोड़े की सफाई में जुटे थे। हीरो नाम के घोड़े की सफाई का भार जयपाल के कंधे पर है। जयपाल जिस वक्त सफाई कर रहा थे, ठीक उसी समय बंदरों का झुंड अश्वशाला तक पहुंचा और पेड़ पर उछल कूद करने लगा। इससे अश्वशाला में अफरातफरी मच गई। इससे हीरो बेकाबू होकर तेजी से अश्वशाला के बाहर निकल गया। सिविल लाइन रोड पर पहुंचे हीरो को देख राहगीर हलकान रह गए। इस बीच पीएसी तिराहे की ओर बढ़ रहे एक ई-रिक्शे को घोड़े ने टक्कर मार दी। ई-रिक्शे की छतरी उखड़ गई।
कई जगह टकराया, कई किए घायल
चालक ने भाग कर जान बचाई। इसके बाद घोड़ा पीटीसी होते हुए चक्कर की मिलक की ओर बढ़ गया। वहां चौराहे पर खड़े होकर चाय पी रहे सब इंस्पेक्टर जमील अहमद के बेटे 15 वर्षीय अजीम निवासी चक्कर की मिलक को घोड़े ने टक्कर मार दी, जिससे वे घायल हो गए। उसके बाद घोड़ा एक बैलगाड़ी से जा भिड़ा। हादसे में बैल का सींग टूट गया। इधर जयपाल घोड़े के पीछे दौड़ता रहा। घोड़े के अश्वशाला से भागने की भनक आरआई एमपी सुभाष चंद्र शर्मा को लगी। वह स्कूटर से घोड़े की तलाश में निकले।
सूझबूझ से आया हाथ
इधर घोड़ा चक्कर की मिलक पार करते हुए रामगंगा किनारे जा पहुंचा। उसे जब पकडऩे की कोशिश हुई तो वह नदी पार कर गया। इस बीच जयपाल ने सूझबूझ का परिचय दिया और घोड़े के सामने हरी घास रखी। घास देख घोड़ा स्थिर हुआ। फिर उसे पकड़ लिया गया। आरआई ने बताया कि घोड़े को मामूली चोटें आई हैं। उसका इलाज किया जा रहा है।