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Bhai Dooj 2020: अमरोहा में भाई दूज से पहले भैया ने बहन को दिया नायाब तोहफा, रखेंगी जीवन भर याद

Bhai Dooj 2020 किडनी खराब होने से मौत से जंग लड़ रही ढवारसी की प्रधान पारूल गोयल को चंदौसी के खुर्जा गेट निवासी छोटे भाई अंकित अग्रवाल ने अपनी एक किडनी डोनेट की है। जिससे पारुल गोयल एक बार फिर सामान्य जिंदगी जीने की ओर बढ़ गई हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 12:13 PM (IST)
Bhai Dooj 2020: अमरोहा में भाई दूज से पहले भैया ने बहन को दिया नायाब तोहफा, रखेंगी जीवन भर याद
पारुल का कहना है भाई तो हमेशा ही बहन की रक्षा करता है, लेकिन मेरे अंकित ने मुझे जीवनदान दिया

अमरोहा [राशिद चौधरी]। भाई तथा बहन के प्यार तथा संबंध को समर्पित भाई दूज के पर्व से पहले ही अमरोहा की एक बहन को जीवनभर याद रखने वाला तोहफा मिला है। यहां के हसनपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत ढवारसी की प्रधान पारुल के लिए इस बार का भाई दूज बेहद खास बन गया है। उनके भाई अंकित ने अपनी एक किडनी देकर बहन की जान बचाई है। दोनों भाई-बहन पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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अमरोहा के हसनपुर की चर्चा यूं तो रिश्तों का कत्ल करने के मामलों में काफी होती रहती है, लेकिन यहां के गांव ढवारसी में अंकित ने इस चर्चा को विराम देने का काम किया है। उन्होंने किडनी फेल होने की समस्या के कारण मौत से संघर्ष कर रहीं अपनी बहन पारुल गोयल को किडनी देकर इस दाग को धूमिल कर दिया है। ग्राम प्रधान पारुल गोयल ने बताया कि भाई तो हमेशा ही बहन की रक्षा करता है, लेकिन मेरे भाई अंकित ने मुझे नया जीवनदान देकर समाज के लिए एक मिसाल पेश की है।

कई महीने से किडनी खराब होने से मौत से जंग लड़ रही ढवारसी की प्रधान पारूल गोयल को चंदौसी के खुर्जा गेट निवासी छोटे भाई अंकित अग्रवाल ने अपनी एक किडनी डोनेट की है। जिससे पारुल गोयल एक बार फिर सामान्य जिंदगी जीने की ओर बढ़ गई हैं।

39 वर्षीय ग्राम प्रधान पारुल गोयल की दोनों किडनी खराब हो गईं थीं। इसके बाद इलाज के लिए दिल्ली तथा मेरठ में इलाज के लिए ले गए। उनको निराशा हाथ लगी। इसके बाद तो पारुल को कभी भी मौत का डर सताने लगा। उनकी ससुराल वालों की तरफ से कोई भी एक किडनी डोनेट करने को तैयार नहीं था। इसके बाद मेरठ में चिकित्सकों ने पारुल को घर ले जाने को कह दिया। इसके बाद पहले पिता कैलाश चंद अग्रवाल ने अपनी किडनी देने का निर्णय लिया था, लेकिन जांच में उनकी किडनी मैच नहीं हो सकी।

इसी बीच डायलिसिस के दौरान बहन को दर्द से कराहते देख पांच बहन व तीन भाइयों में मझले अंकित अग्रवाल ने अपनी किडनी मैच कराई। चंदौसी के खुर्जा गेट निवासी 33 वर्षीय छोटे भाई अंकित ने अपनी एक किडनी देने की हामी भर दी। मेरठ में एक नवंबर को सफल आपरेशन हुआ। इसके बाद पारुल की हालत में निरंतर सुधार होता चला गया। भाई अंकित अपने कदम से अन्य के लिए मिसाल बन गए हैं। पारुल का कहना है कि भाई तो हमेशा ही बहन की रक्षा करता है, लेकिन मेरे अंकित ने मुझे नया जीवनदान दिया है। 

भाई ने किया बेहद सराहनीय कार्य

हसनपुर के उपजिलाधिकारी विजय शंकर मिश्रा ने कहा कि किडनी खराब होने से हसनपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत ढवारसी की प्रधान पारुल गोयल बेहद परेशान थीं, ऐसे में उनके भाई ने किडनी देकर सराहनीय कार्य किया है। यह बहुत हर्ष का विषय है। भाई के इस कार्य से क्षेत्र में उसकी प्रशंसा हो रही है।  


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