Move to Jagran APP

सावधान, मुरादाबाद की सड़कों पर घूम रहे 50 हजार खूंखार कुत्ते, नसबंदी पर खर्च हुए 30 लाख बेकार

Beware of Dogs in Moradabad मुरादाबाद नगर निगम में कुत्तों की नसबंदी सुस्त रफ्तार से चल रही है। इतनी सुस्त रफ्तार से नसबंदी होने से कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोकना मुश्किल हैं। नतीजा खूंखार कुत्तों का हमला हो रहा है।

By JagranEdited By: Samanvay PandeyPublished: Tue, 27 Sep 2022 01:57 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 01:57 PM (IST)
सावधान, मुरादाबाद की सड़कों पर घूम रहे 50 हजार खूंखार कुत्ते, नसबंदी पर खर्च हुए 30 लाख बेकार
Beware of Dogs in Moradabad : नसंबंदी की सुस्त रफ्तार से बढ़ रही खूंखार कुत्तों की संख्या।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Beware of Dogs in Moradabad : मुरादाबाद नगर निगम में कुत्तों की नसबंदी सुस्त रफ्तार से चल रही है। इतनी सुस्त रफ्तार से नसबंदी होने से कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोकना मुश्किल हैं। नतीजा, खूंखार कुत्तों का हमला हो रहा है। करीब 50000 कुत्ते शहर की सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं।

loksabha election banner

तीन साल पहले कुत्तों की संख्या 40 हजार थी

नगर निगम को चिंता ही नहीं है। तीन साल पहले कुत्तों की संख्या करीब 40000 थी, इन तीन सालों में दस हजार कुत्ते शहर में बढ़ गए हैं। यह आवारा कुत्तों के प्रति नगर निगम अफसरों की लापरवाही से आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित होना मुश्किल है। मार्च 2022 से अब तक सात महीने में अभी 3000 कुत्तों की ही नसबंदी नगर निगम करा पाया है।

एक दिन में 20 से 22 कुत्तों की हो रही नसबंदी

एक दिन में 20 से 22 कुत्तों की ही नसबंदी हो रही है। अब तक सात महीने में प्रति कुत्ते पर 998 रुपये के हिसाब से 30 लाख रुपये नसबंदी पर खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी खूंखार कुत्तों से शहर के 70 वार्डों में 15 लाख आबादी को छुटकारा नहीं मिल रहा है। आवारा कुत्ते बच्चे, युवा और बुर्जुग पर हमला कर रहे हैं।

पहले क्षेत्रों में मांस की दुकानें व नगर निगम के डलाव घर थे, वहां कुत्तों की बहुत अधिक संख्या देखने को मिलती थी। लेकिन, अब तो पाश कालोनियों व ऐसे मुहल्लों में कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। जहां मांस व डलाव घर नहीं हैं। यह कुत्तों की नसबंदी की सुस्त रफ्तार का ही नतीजा है।

इन मुहल्लों में कुत्तों की संख्या अधिक

असालतपुरा, अंडे बालान, बारादरी, इंद्रा चौक, कटघर, जामा मस्जिद क्षेत्र, रामगंगा विहार, दीनदयाल नगर, हरथला, जिगर कलोनी, हिमगिरी, झांझनपुर, नवीन नगर, लाइनपार, बुद्धि विहार, डबल फाटक, करूला समेत और भी कई कालोनियों में कुत्तों का आतंक है।

पालतू कुत्तों के लाइसेंस के लिए भी गंभीर नहीं नगर निगम

शहर में पालतू कुत्तों को लेकर भी नगर निगम गंभीर नहीं है। कुत्ता पालने के शौकीनों के लिए की मनमानी रोकने के लिए शासन ने नियम व शर्तें लागू किया है। सैर सपाटे पर जाते समय सुबह-शाम कुत्ता घुमाने वाले लोग सड़कों को गंदा करते हैं। वहीं घुमाते समय यह पालतू कुत्ते भी हमलावर हो जाते हैं।

मई में जारी हो चुका है शासनादेश

आकाश रेजीडेंसी में लिफ्ट के अंदर पालतू कुत्ता हमला कर चुका है। मई 2022 में शासनादेश जारी हो चुका है। लेकिन, अभी नगर निगम पालतू कुत्तों के पंजीयन को लेकर गंभीर नहीं हुआ है। नगर निगम में पालतू कुत्तों का कोई रिकार्ड ही नहीं है। एक अनुमान के अनुसार शहर में 10 हजार पालतू कुत्ते बताए जा रहे हैं। पालतू कुत्तों से गंदगी कराने वालों पर कम से कम 2000 रुपये जुर्माना के प्रावधान है।

क्या कहते हैं अधिकारी

अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने बताया कि आवारा कुत्तों की नसबंदी लगातार हो रही है। सात महीने में 3000 कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है। नसबंदी की संख्या बढ़ाने को मानिटनिंग तेज होगी। पालतू कुत्तों का पंजीयन भी शुरू करने की प्रक्रिया जल्दी शुरू होगी। इसके लिए लखनऊ से इसकी नियमावली मंगा ली गई है। नियमावली तैयार करने को तीन सदस्य कमेटी का गठन हो चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.