अनुसूचित जाति-जनजाति के हैं, आपके साथ अत्याचार हुआ है, इस योजना के तहत पाएं आर्थिक सहायता
अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के साथ अत्याचार होने पर सरकार की ओर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा रही है। दुष्कर्म पर पांच लाख सामूहिक दुष्कर्म पर आठ लाख रुपये देने का प्रावधान हैहै।
मुरादाबाद (अनुज मिश्र)। अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति के अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता योजना के तहत प्रदान की जाती है। अलग-अलग मामलों में मदद के लिए अलग-अलग धनराशि तय की गई है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक अनुसूचित जाति, जनजाति के व्यक्तियों पर विभिन्न मामलों में अत्याचार के कुल 30 मामले सामने आ चुके हैं। पीड़ितों को समाज कल्याण विभाग की ओर से 45 लाख 62 हजार 500 रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई जा चुकी है। विभिन्न मामलों में मिलने वाली मदद पर पेश है रिपोर्ट।
अपमान पर एक लाख अनुसूचित जाति-जनजाति के अपमान पर एक लाख रुपये तक मदद का इस योजना के तहत प्रावधान है। एफआइआर पर 25 प्रतिशत, न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने पर 50 प्रतिशत और आरोप सिद्ध पाए जाने पर 25 प्रतिशत धनराशि दी जाती है।
लैंगिक उत्पीड़न पर दो लाख
लैंगिक उत्पीड़न के मामलों में पीड़ित को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाती है। 50 प्रतिशत धनराशि एफआइआर दर्ज होने पर, 25 प्रतिशत धनराशि आरोप पत्र दाखिल होने पर एवं 25 प्रतिशत धनराशि दोष सिद्ध होने पर दी जाती है।
दुष्कर्म पर पांच लाख
दुष्कर्म की घटना पर पीड़ित को पांच लाख रुपये की मदद मुहैया कराई जाती है। एफआइआर दर्ज होने पर 50 प्रतिशत, आरोप पत्र दाखिल होने पर 25 प्रतिशत और दोष सिद्ध होने पर 25 प्रतिशत धनराशि मुहैया कराई जाती है।
सामूहिक दुष्कर्म पर आठ लाख
पीड़ित को आठ लाख 25 हजार रुपये की मदद मुहैया कराई जाती है। एफआइआर दर्ज होने पर 50 प्रतिशत, न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने पर 25 प्रतिशत और 25 प्रतिशत धनराशि दोष सिद्ध होने पर मुहैया कराई जाती है।
हत्या पर आठ लाख 25 हजार
हत्या पर पीड़ित परिजन को आठ लाख 25 हजार की मदद मुहैया कराई जाती है। इसमें एफआइआर दर्ज होने पर 50 प्रतिशत एवं आरोप पत्र दाखिल होने पर 50 प्रतिशत धनराशि मुहैया कराई जाती है।
2019-20 में खर्च हुए एक करोड़ 92 लाख 94 हजार रुपये
वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 173 मामले सामने आए जिसमें समाज कल्याण विभाग की ओर से पीड़ितों की मदद के लिए एक करोड़ 92 लाख 94 हजार खर्च किए गए।
सीओ की विवेचना के बाद फाइल कार्यालय पहुंच जाती है। जिसके बाद प्रमुखता से पीड़ितों को योजना के तहत आर्थिक मदद महैया कराई जाती है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 30 पीड़ितों को मदद पहुंचाई गई है।
- सुनील कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी।