Move to Jagran APP

अब पुलिसकर्मियों को जाना पड़ेगा घटनास्थल पर, बीट कॉप एप में फीड होगा हर मूवमेंट

पुलिस अपने वर्षों पुराने रजिस्टर बीट सिस्टम को टाटा, बाय-बाय करने जा रही है। अब मॉर्डन पुलिसिंग में ई-बीट सिस्टम लागू होने जा रहा है।

By RashidEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 02:33 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 08:05 AM (IST)
अब पुलिसकर्मियों को जाना पड़ेगा घटनास्थल पर, बीट कॉप एप में फीड होगा हर मूवमेंट
अब पुलिसकर्मियों को जाना पड़ेगा घटनास्थल पर, बीट कॉप एप में फीड होगा हर मूवमेंट

मुरादाबाद(सुशील कुमार)। पुलिस अपने वर्षों पुराने रजिस्टर बीट सिस्टम को टाटा, बाय-बाय करने जा रही है। अब मॉर्डन पुलिसिंग में ई-बीट सिस्टम लागू होने जा रहा है। प्रदेश के तीन जनपदों में ट्रायल के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि 26 जनवरी को मुरादाबाद में इसे लागू कर दिया जाए। ई-बीट सिस्टम को बीट कॉप एप पर लागू किया है, जिसमें प्रत्येक पुलिसकर्मी का बायोडाटा रहेगा। उसकामोबाइल नंबर डालने के बाद एप खुलेगा। प्रत्येक दिन एप में ड्यूटी के स्थान की फोटो अपलोड करनी पड़ेगी। साथ ही एप जीपीएस सिस्टम से लैस होगा, जो प्रत्येक पुलिसकर्मी की ऑनलाइन लोकेशन देगा। यानी कप्तान से लेकर सीओ तक पुलिसकर्मी के प्रत्येक मूवमेंट की जानकारी रख सकेंगे। यानी अब हर पुलिस कर्मी को घटना स्थल पर जाना ही पड़ेगा। बहाना बनाने से काम नहीं चलेगा।

loksabha election banner

बीट सिस्टम को री-ऑर्गेनाइजड किया गया है

बीट सिस्टम को री-ऑर्गेनाइजड किया गया है। नए ई-बीट सिस्टम में कप्तान से लेकर एएसपी और थानेदार से लेकर कांस्टेबल तक को जोड़ा जाएगा। लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद में इसका ट्रायल करने के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश दिए हैं। डीआइजी/एसएसपी जे रविन्दर गौड ने बताया कि 26 जनवरी तक बीट कॉप एप को लागू किया जा सकता है। एक्सपर्ट लगाकर बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों का बायोडाटा और मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर मेंअपलोड किया जाएगा। अब तक 915 पुलिसकर्मियों का बायोडाटा फीड हो चुका है। कुंभ ड्यूटी पर गए और अवकाश पर रहने वाले पुलिसकर्मियों का बायोडाटा फीड नहीं हो पाया है। उम्मीद है कि अगले दस दिनों में सभी पुलिसकर्मियों को बीट कॉप से जोड़कर ऑनलाइन कर दिया जाएगा।

ऐसे होगा बीट कॉप का संचालन

सभी पुलिसकर्मियों को अपने मोबाइल में बीट कॉप को अपलोड करना होगा। सॉफ्टवेयर को खोलते ही उसमें पुलिसकर्मियों को अपना मोबाइल नंबर डालना होगा, जो नंबर बीट कॉप में फीड है, उसके बाद उसी मोबाइल नंबर पर ओटीपी मैसेज आएगा। उस ओटीपी को डालने के बाद बीट कॉप काम करना शुरू कर देगा। बीट कॉप में जीपीएस सिस्टम है, जिस स्थान पर पुलिसकर्मी अपना मोबाइल लेकर जाएगा। उसकी लोकेशन संबंधित अफसरों को मिलती रहेगी। यानि अब जिस एरिया में पुलिसकर्मी की ड्यूटी होगी। उसे छोड़कर दूसरे एरिया में नहीं जा सकेगा। यदि ड्यूटी के समय दूसरे स्थान पर गया तो सॉफ्टवेयर में ही उसका कारण बताना होगा। साथ ही ड्यूटी पूरी किए बिना घर नहीं आ सकेगा। यानी अब लापरवाही कतई नहीं चलेगी।

ये होगा साफ्टवेयर का फायदा

पुलिस गश्त की पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर में अंकित होगी। अफसर ऑफिस में बैठकर ही अधीनस्थ को दिशा निर्देश दे सकेंगे। जुलूस ड्यूटी, बैंक ड्यूटी, वाहन चेकिंग या अन्य ड्यूटी की जानकारी भी पुलिसकर्मियों को इस सॉफ्टवेयर पर मिल जाएगी। यानि अब थाने जाने का झंझट नहीं रहेगा। आपात स्थिति में पुलिस को एक स्थान पर बुलाने के लिए सॉफ्टवेयर में इमरजेंसी सुविधा होगी। जिन थानों की पुलिस को वहां बुलाया जाएगा, वह तुंरत पहुंचेगी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.