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पेटीएम या गूगल पे का करते हैं उपयोग तो हो जाएं सावधान Moradabad News

केवाईसी अपडेट करने के मैसेज भेजकर जालसाज लाखों रुपये खाते से निकाल रहे हैं। साइबर अपराध के लिए नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोबाइल एप व क्यूआर कोड से हो रही ठगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 07:40 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 07:40 AM (IST)
पेटीएम या गूगल पे का करते हैं उपयोग तो हो जाएं सावधान  Moradabad News
पेटीएम या गूगल पे का करते हैं उपयोग तो हो जाएं सावधान Moradabad News

मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)। अगर आप पेटीएम, गूगल पे या फोन पे उपयोग करते हैं और मोबाइल पर केवाईसी अपडेट करने के लिए मैसेज आए तो उसमें दिए गए नंबर पर गलती से भी कॉल न करें। नहीं तो आपके खाते से रुपये निकल सकते हैं। पिछले चार महीनों में इस तरह के फ्राड बढ़े हैं। सिर्फ जनवरी से लेकर अब तक ही 50 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हो चुके हैं। 

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केस-1 

साइबर सेल के दफ्तर पहुंचे अरविंद कुमार ने बताया कि वह गूगल पे यूज करते हैं। शुक्रवार को उनके पास एक फोन आया कि मैं आपके भाई का दोस्त बोल रहा हूं। जालसाज ने कहा कि आपको एक लिंक भेज रहा हूं उस पर क्लिक करिए आपके खाते में दस हजार रुपये आ जाएंगे आप निकाल कर दे देना। अरविंद ने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया उनके खाते से 10 हजार रुपये निकल गए। 

केस-2

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह पेटीएम अकाउंट प्रयोग करते हैं। कुछ दिन पहले उनके पास मैसेज आया कि पेटीएम पर उनकी केवाईसी अपडेट नहीं है, 24 घंटे के अंदर केवाईसी अपडेट कर लें नहीं तो उनका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा। लेकिन, जागरूकता के कारण उन्होंने मैसेज पर दिए गए नंबर पर फोन नहीं किया। जिससे उनके साथ ठगी होने से बच गई। 

चार माह से चल रहा इस तरह ठगी का मामला

 साइबर सेल प्रभारी सतेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले चार महीनों से इस तरह के मामलों में इजाफा हुआ है। जालसाज क्यूआर कोड, केवाईसी व लिंक के माध्यम से लोगों के खातों से पैसे निकाल रहे हैं। 

इस तरह हो रही ठगी 

जालसाज पेमेंट बैंक या पेटीमए पेमेंट बैंक से एक्टिवेटेड खाते व उनके डेबिड कार्ड की डिटेल दो हजार रुपये में प्राप्त कर लेते हैं। उसके बाद सोशल साइट्स पेज पर बैंक के टोल फ्री नंबर एवं कस्टमर सर्विस नंबर डाल देते हैं। जब कोई ग्राहक काल करता है तो केवाईसी अपडेट करने के नाम लोगों से रिमोट सपोर्ट एप डाउनलोड कराते हैं। उसके बाद उनसे खाते से दो रुपये का ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा जाता है। इसी समय उसके खाते की डिटेल प्राप्त हो जाती है। इसके बाद ग्राहक के खाते से रुपये निकाल लिए जाते हैं। इसके अलावा बैंक के एक नंबर पर यूपीआइ मैसेज फारवर्ड कराकर बैंक के खातों में पैसा ट्रांसफर कर निकाल लिया जाता है। 


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