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रहिए सावधान, भारत-बांग्लादेश सीमा पार से आ रही नकली नोटों की खेप

नकली नोटों की तस्करी में तमाम युवकों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन जेल से छूटकर आने के बाद फिर से यही धंधा शुरू कर लेते हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 09:01 AM (IST)
रहिए सावधान, भारत-बांग्लादेश सीमा पार से आ रही नकली नोटों की खेप
रहिए सावधान, भारत-बांग्लादेश सीमा पार से आ रही नकली नोटों की खेप

मुरादाबाद, जेएनएन। एनआइए और बीएसए के कड़े पहरे से बाद भी माफिया नकली नोटों का धंधा कर रहे हैं। वे सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों की नजर बचते ही सक्रिय हो जाते हैं। लखनऊ एसटीएफ के हाथ लगा मुरादाबाद के थाना गलशहीद के असालतपुरा निवासी जफीर अहमद और छजलैट के नसीर अली के साथ पकड़ा गया पश्चिमी बंगाल का युवक सीमा पार से नकली करेंसी को भारत लगाने वाले गिरोह का सदस्य है। एटीएस उसके बारे में बारीकी से पता लगाने में जुटी है। बंगलादेश के जरिए भारत में नकली नोटों की खेप यूपी के किन जिलों में जाती है। इसके बारे में भी पता लगाया जा रहा है।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने फिर से भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे गांव के लोग नकली नोटों को भारत लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सीमा पार से तस्करी करने वाले लोग नकली नोटों की गड्डी थैलों में भरकर इस तरफ फेंक देते हैं। यह सब वहां से होता है, जहां बीएसएफ का मूवमेंंट बहुत कम है। वहां से कैरियर नोट लाकर अपने आकाओं तक पहुंचाते हैं। बीएसएफ और एनआइए सीमा पार से गांव के संदिग्ध युवकों पर नजर रखती है। 

लखनऊ एसटीएफ ने मुरादाबाद के दो युवकों के साथ पकड़े रजिकुल शेख निवासी दक्षिण लक्ष्मीपुर, थाना कालिया चक, जिला माल्दा, पश्चिमी बंगाल के भी सीमा से सटे गांव के लोगों से करीबी संबंध बताए जा रहे हैं। वह नकली नोटों का धंधा करने वाले गिरोह का सदस्य है। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां नकली नोटों के साथ पकड़े गए लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। वहां से इनपुट मिलने पर ही स्थानीय स्तर आगे की कार्रवाई होगी। 

एप के जरिए नकली नोटों को पहचान

एप के जरिए भी नकली नोट की पहचान हो सकती है। इसे एंड्रॉयड मोबाइल के लिए गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। एप को बनाने वाले का दावा है कि ऐसा एप है, जो नकली नोटों की पहचान करता है। अगर इस एप को जरिए नोट की पहचान करना चाहते हैं तो एप को खोलकर नोट को स्कैन करेंं। ऐप की मदद से आप नोट के अलावा और भी कई प्रोडक्ट््स की भी पहचान कर सकते हैं। इसके अलावा बैंकें भी नकली नोटों की पहचान करने वाला मोबाइल एप तैयार करा लिया है। उसका इस्तेमाल भी नकली नोटों की पहचान करने में हो रहा है।

नकली नोटों की पेपर क्वालिटी ठीक नहीं

एसटीएफ से सूत्रों का कहना है कि बरामद नकली नोटों की पेपर क्वालिटी अच्छी नहीं है। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक फेक करेंसी का कलर भी असली नोटों जैसा नहीं है, लेकिन बाकी फीचर्स वैसे ही हैं जैसे रिजर्व बैंक की छापी गई करेंसी के हैं।  


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