बूंद बूंद पानी को तरस रहे बरबलान वाले
कटघर क्षेत्र के मुहल्ला बरबलान में पिछले एक सप्ताह से लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए हैं। पीने का पानी तक मयस्सर नहीं हो रहा है।
मुरादाबाद : कटघर क्षेत्र के मुहल्ला बरबलान में पिछले एक सप्ताह से लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए हैं। पीने का पानी तक मयस्सर नहीं हो रहा है। एक टैंकर से सप्लाई पूरी नहीं पड़ रही है। दूसरा टैंकर आने से पहले ही वह खत्म हो जाता है। सड़क पर लगे हैंडपंप पर लंबी लाइन लग रही है। वार्ड 38 के मुहल्ला बरबालान की पांच हजार की आबादी में 1500 परिवार एक सबमर्सिबल के भरोसे पानी पी रहे थे लेकिन, वह भी खराब हो गया। सबमर्सिबल के पाइप जर्जर होने से रेत आ रहा था, जिसे अभी तक नगर निगम का जलकल विभाग ठीक नहीं कर पाया है। जल कल अफसरों का दावा है कि एक अंदर गली में दूसरी बोङ्क्षरग करा दी गई है, लेकिन लोगों की मानें तो उस बोङ्क्षरग से पानी नहीं मिल रहा।
हलक से नहीं उतर रहा खारा पानी
बरबलान में हैंडपंप खारा पानी उगल रहा है, जो पीने योग्य नहीं है। जिस कारण लोग इसका इस्तेमाल पीने में नहीं कर रहे हैं। सड़क पर विधायक निधि से लगाए गए फ्रीजर से पीने के पानी लेकर आ रहे हैं।
क्षेत्र में नहीं है नलकूप
घनी आबादी होने के कारण क्षेत्र में नलकूप नहीं है। इस कारण सबमर्सिबल के सहारे पेयजल आपूर्ति दी जाती है। यह भी खराब होने से लोग परेशान हैं। पानी का टैंकर भी दूर तंग गलियों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
लोगों की जुबानी
सुरेंद्र कहते हैं कि एक हैंडपंप है, उसका पानी भी खारा है। जिससे पीने तक को पानी नहीं मिल रहा है।सीताराम कहते हैं कि पानी का टैंकर आते की खाली हो जाता है। हम लोग पानी के लिए एक सप्ताह से परेशान हैं।
किशोर कुमार कहते हैं कि एक हैंडपंप होने से पानी के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। पार्षद को भी समस्या बता चुके हैं। किशोर कुमार कहते हैं कि जिस गली में नया बोरिंग किया गया है वहां से प्रभावित क्षेत्र को पानी नहीं मिल रहा है। काले कहते हैं कि पानी की समस्या बहुत है। पीने के लिए निजी घरों में लगे पंप से पानी लेकर आ रहे हैं। गंगाराम कहते हैं कि विधायक निधि से लगा फ्रीजर भी इन दिनों पेयजल का सहारा बना है। अगर ये न होता तो और दिक्कत होती।
बढेगी टैंकर की संख्या
जलकल के महाप्रबंधक एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि अंदर गली में बोरिंग कराई गई है। इससे पानी क्यों नहीं पहुंच रहा है, इस बारे में जेई से पूछताछ करेंगे। टैंकर की संख्या बढ़ाई जाएगी।