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एमडीए में कार्यकाल के दौरान 18 लाख रुपये की ठगी करने वाला बांदा विकास प्राधिकरण का जेई गिरफ्तार

18 लाख रुपये के भुगतान बाद भी गौरव मेहरोत्रा को न तो भूखंड मिला और न ही भवन। पीड़ितों ने जेई से जब भूखंड और भवन दिलाने के लिए कहा तो गुमराह करने लगा। जेई ने हरहाल में 15 जनवरी 2021 तक प्लाट व भवन आवंटित कराने का आश्वासन दिया।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 03:55 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 03:55 PM (IST)
एमडीए में कार्यकाल के दौरान 18 लाख रुपये की ठगी करने वाला बांदा विकास प्राधिकरण का जेई गिरफ्तार
आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) से भूखंड का आवंटन कराने के नाम पर अठारह लाख की ठगी करने के आरोपित बांदा विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता को मुकदमा लिखे जाने के पांच महीने बाद सिविल लाइंस पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भिजवा दिया। इस गिरफ्तारी से एमडीए के अवर अभियंताओं मेंं खलबली मची हुई है। ठगी का यह मामला तब का है जब आरोपित एमडीए में कार्यरत था।

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थाना सिविल लाइन क्षेत्र के मधुर विहार कालोनी निवासी गौरव मल्होत्रा ने जनवरी माह में पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह शिल्पा श्री हैंडीक्राफ्ट फर्म के संचालक हैं। नवंबर 2018 में मुगलपुरा निवासी इकबाल हुसैन के साथ वह अपने मित्र सिद्धांत निवासी नवीननगर के घर गए थे। सिद्धांत के घर पर पहले से ही एक व्यक्ति मौजूद था। मित्र ने उस व्यक्ति का परिचय राजेंद्र राव के रूप में कराया। पता चला कि राजेंद्र राव मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में जेई के पद पर कार्यरत हैं। राजेंद्र राव ने कहा कि प्राधिकरण का एक भूखंड रामगंगा विहार फेज वन तथा दो भवन दीनदयाल नगर में उपलब्ध हैं, इन्हें एमडीए के रेट पर दिलवा देगा। इसके बाद गौरव व उसके पिता ने जेई को सिद्धांत के घर बुलाकर उन्हें अग्रिम धनराशि 12 लाख रुपये दिए। जेई ने कागजी कार्रवाई। कागजात देने से पहले ही राजेंद्र राव ने छह लाख रुपये की और डिमांड की। साथ ही चेक द्वारा दी गई रकम 28 फरवरी 2019 को कैश करा ली गई।

18 लाख रुपये के भुगतान बाद भी गौरव मेहरोत्रा को न तो भूखंड मिला और न ही भवन। पीड़ितों ने जेई से जब भूखंड और भवन दिलाने के लिए कहा तो गुमराह करने लगा। जेई ने हर हाल में 15 जनवरी 2021 तक प्लाट व भवन आवंटित कराने का आश्वासन दिया। अचल संपत्ति न मिलने की दशा में आरोपित ने बैंक ब्याज की दर से पूरी रकम वापस करने तक का दावा किया। संबंधित समझौता पत्र स्टांप पर लिखा गया। घटना से संबंधित जेई का वीडियो फुटेज भी पीड़ित ने तैयार कर लिया। इस बीच आरोपित जेई का तबादला बांदा विकास प्राधिकरण हो गया। तब उसने जेई के खिलाफ थाना सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा दर्ज होने के पांच माह बाद शुक्रवार को पुलिस ने जेई को गिरफ्तार कर लिया गया।


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