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मुझे सजा दी तो राहुल गांधी को क्यों छोड़ा : आजम खां

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने प्रतिबंध हटते ही चुनाव आयोग पर निशाना साधा।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 12:28 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 06:10 AM (IST)
मुझे सजा दी तो राहुल गांधी को क्यों छोड़ा : आजम खां
मुझे सजा दी तो राहुल गांधी को क्यों छोड़ा : आजम खां

रामपुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने प्रतिबंध हटते ही चुनाव आयोग पर निशाना साधा। बोले, एक जैसे मामले में मुझे सजा दी गई और राहुल गांधी को क्लीन चिट। राहुल गांधी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को हत्या का आरोपी बताया, फिर भी उन्हें क्लीन चिट दे दी। मैं फांसी के तख्ते पर चढऩे को तैयार हूं। आजम खां ने शुक्रवार को अपने आवास पर मीडिया से वार्ता के दौरान ये बाते कहीं।

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दो बार लग चुका है प्रतिबंध

रामपुर लोकसभा सीट से गठबंधन प्रत्याशी आजम खां पर आपत्तिजनक भाषण देने और आचार संहिता का उल्लंघन करने पर आयोग दो बार प्रतिबंध लगा चुका है। पहले 72 घंटे की प्रतिबंध लगा था, जो 16 से 18 अप्रैल तक रहा। इसके बाद एक मई को फिर 48 घंटे की प्रतिबंध लगा, जो शुक्रवार सुबह छह बजे हटा। प्रतिबंध हटने के बाद दोपहर में आजम ने मीडिया से बात की। बोले, पिछले लोकसभा चुनाव में जब चुनाव आयोग को यह अंदाजा हो गया कि भाजपा की सरकार बनने जा रही है, तब चुनाव के आखिर तक प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन इस बार आयोग इसे लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है कि भाजपा की सरकार बन रही है या नहीं, लिहाजा टुकड़ों में प्रतिबंध लगा रहा है।

पुलिस की गाड़ी से पैसा बांटा, इंटरपोल से जांच हो

आजम में जिला प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि रामपुर में डीएम और एसपी ने मेरी हत्या कराने की पूरी कोशिश की। मुसलमानों पर कहर बरपाया गया है। डीएम और एसपी की बर्बरता से हमारे दो लाख वोट कम हो गए, लेकिन आयोग को कुछ नजर नहीं आया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएम और एसपी का मंडी समिति (मतगणना स्थल) के पास जाना खतरे से खाली नहीं है। इनकी गाडिय़ों में हैङ्क्षकग मशीन है। ये मंडी के पास से गुजरें तो इनकी तलाशी ली जानी चाहिए। इनके पास डिवाइस भी नहीं होनी चाहिए। चुनाव के दौरान भी पुलिस की गाड़ी से पैसा बांटा गया। इसकी इंटरपोल से जांच कराई जाए।

देश अब अघोषित हिंदू राष्ट्र

उन्होंने कहा कि संविधान का अपमान हो रहा है, देश के संविधान से वो उम्मीद नहीं रह गई, मैं एलानिया कहता हूं कि देश अब अघोषित ङ्क्षहदू राष्ट्र है। लोकतंत्र खतरे में है, जिस तरह की भाषा प्रधानमंत्री बोल रहे हैं। जनसभाओं में किसी एक धर्म के नारे लगाए जा रहे हैं, जब प्रधानमंत्री ही जहर उगलें तो देश का भविष्य तो अंधकारमय होगा ही।

पांच साल में 1200 फौजी मारे गए

आजम ने कहा कि अफगानिस्तान व ईराक मेें अमेरिका के सौ फौजी भी नहीं शहीद हुए थे और अमेरिका ने अपनी सेना को वापस बुला लिया था। किसी देश की पॉलिसी अपने देश के फौजियों को मरवाने की नहीं होती है, जबकि हमारे यहां पांच साल में करीब 12 सौ फौजी मारे गए। क्या ये देश को बताने की जरूरत नहीं है।  

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