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MP Azam Khan : आजम को यतीमखाना प्रकरण के एक और मुकदमे में मिली जमानत Rampur News

MP Azam Khan सांसद आजम खां इन दिनों धोखाधड़ी के मुकदमे में पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 06:02 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:02 AM (IST)
MP Azam Khan : आजम को यतीमखाना प्रकरण के एक और मुकदमे में मिली जमानत  Rampur News
MP Azam Khan : आजम को यतीमखाना प्रकरण के एक और मुकदमे में मिली जमानत Rampur News

रामपुर, जेएनएन। सांसद आजम खां को यतीमखाना प्रकरण के एक और मुकदमे में जमानत मिल गई है। इस प्रकरण के पांच अन्य मुकदमों में उनकी जमानत अर्जी पहले ही मंजूर हो चुकी है।

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यह है पूरा मामला

पिछले वर्ष सांसद के खिलाफ यतीमखाना प्रकरण में एक दर्जन मुकदमे शहर कोतवाली में दर्ज किए गए थे। इन मुकदमों में आरोप था कि मुहल्ला घोसियान के पास यतीमखाने की जगह पर बने मकान सपा शासनकाल में सांसद के इशारे पर 15 अक्टूबर 2016 को तोड़ दिए गए। उनके साथ कुछ सपाई भी थे। उन्होंने कहा कि यह जगह आजम खां ने ले ली है। अब जौहर ट्रस्ट की है। यहां आजम खां का स्कूल बनना है। इसलिए फौरन खाली कर दो, वर्ना फर्जी मुकदमों में जेल भेज देंगे। विरोध करने पर लोगों को मार पीटकर घर से निकाल दिया गया था। घर में रखे पैसे, जेवर आदि सामान भी लूट लिया था। इसके अलावा जानवर भी खोलकर ले गए थे। बाद में उनके मकानों पर बुलडोजर चला दिया था। इन सभी मुकदमों से जुड़ी चार अर्जियां लॉकडाउन से पहले मंजूर हो गई थीं। अब दोबारा अदालतें खुलने पर उनकी अर्जियों पर सुनवाई शुरू हो गई है। 

वीरेंद्र गोयल को भी मिली राहत

सपा नेता वीरेंद्र गोयल को भी यतीमखाना प्रकरण के एक मुकदमे में राहत मिली है। यतीमखाना प्रकरण में दर्ज हुए मुकदमों में उन्हें भी आरोपित बनाया गया था। सपा नेता को पुलिस ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। 

गुरुवार को आचार संहिता के मुकदमे में मिली थी जमानत

आजम खां को गुरुवार को आचार संहिता के एक मुकदमे में जमानत मिली थी। दो जमानत प्रार्थना पत्रों पर अभी फैसला नहीं हो सका है। इन दोनों पर अब छह जून को सुनवाई होगी। 

तीनों ने किया था आत्मसमर्पण 

26 फरवरी को इन तीनों ने आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद से तीनों रिहाई के लिए जमानत प्रार्थना पत्र लगाए थे। इनमें एक मामला आचार संहिता के उल्लंघन का है, जो लोकसभा चुनाव के दौरान टांडा थाने में दर्ज हुआ था। शासन और प्रशासन के बारे में आपत्तिजनक बात कही थी। जुल्म करने का आरोप लगाया था। 


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