अभी और भी बढ़ेंगी आजम की मुश्किलें Rampur news
सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
मुस्लेमीन, (रामपुर): सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दरअसल, दो जन्म प्रमाण पत्र होने के मामले में अब्दुल्ला के साथ ही आजम खां और उनकी पत्नी तजीन फात्मा के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी है, इसका मुकदमा अदालत में विचराधीन है। इस मामले में तीनों के खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी हो चुके हैं। अब्दुल्ला ने जन्मतिथि सही ठहराने के चक्कर में दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड भी बनवाए। इन दोनों मामलों में भी अब्दुल्ला के खिलाफ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इस तरह इन मुकदमों पर भी हाईकोर्ट के फैसले का भी असर पड़ सकता है क्योंकि, हाईकोर्ट अब्दुल्ला की उम्र के विवाद को सही ठहरा चुका है।
2017 में लड़ा था विधानसभा
अब्दुल्ला की उम्र का विवाद उस समय सामने आया था, जब वह 2017 में विधानसभा चुनाव लड़े। नामांकन प्रक्रिया के दौरान ही बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने आपत्ति दाखिल की थी। उनकी ओर से आपत्ति दाखिल कराने में शामिल रहे बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मुस्तफा अहमद का कहना है कि हमने निर्वाचन अधिकारी के सामने आपत्ति दर्ज कराई थी। हमें यह जानकारी थी कि अब्दुल्ला की उम्र कम है। लेकिन, तब हमारे पास उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र की कापी नहीं थी। हमने अब्दुल्ला के शैक्षिक प्रमाण पत्र देखने के लिए बार-बार निर्वाचन अधिकारी से आग्रह किया। लेकिन, उन्होंने हमारी एक न सुनी और अब्दुल्ला का नामांकन पत्र वैध घोषित कर दिया। निर्वाचन अधिकारी अगर ईमानदारी से फैसला लेते तो अब्दुल्ला का नामांकन पत्र उसी दौरान निरस्त हो जाता। चुनाव के बाद नवेद मियां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसपर अब कोर्ट ने सही फैसला दिया है। इस फैसले का असर अब्दुल्ला और आजम खां के खिलाफ अदालतों में चल रहे मुकदमों पर भी पड़ेगा।
फर्जीवाड़े के चार मुकदमे
अब्दुल्ला के खिलाफ दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने, दो-दो पासपोर्ट बनवाने और दो-दो पैन कार्ड बनवाने के चार मुकदमे लंबित हैं। इनमें तीन मुकदमे भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने दर्ज कराए हैं। उनका आरोप है कि अब्दुल्ला ने दो जन्म प्रमाण पत्र बनवा रखे हैं। एक जन्म प्रमाण पत्र उन्होंने रामपुर नगर पालिका से बनवाया है, जिसमें उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्शाई गई है। यही जन्मतिथि उनके तमाम शैक्षिक प्रमाण पत्रों में है। इसी जन्मतिथि के आधार पर उन्होंने पासपोर्ट और पैन कार्ड बनवाए। बैंक अकाउंट में भी यही जन्मतिथि है। आरोप लगाया कि अब्दुल्ला की उम्र फरवरी 2017 में चुनाव लडऩे योग्य नहीं थी। उम्र सही ठहराने के लिए लखनऊ के अस्पताल से भी एक जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया, जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 है। बाद में पासपोर्ट और पैन कार्ड में उम्र ठीक कराने के लिए भी दूसरा पासपोर्ट और दूसरा पैन कार्ड बनवा लिया, जिसमें दूसरी जन्मतिथि है। आकाश ने एक मुकदमा दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का दर्ज कराया है। उसमें अब्दुल्ला के साथ ही आजम खां और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा को भी नामजद किया है। आरोप लगाया है कि अब्दुल्ला का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आजम खां और उनकी पत्नी ने जो शपथ पत्र दिया है उसमें झूठ बोला है। यह मुकदमा अदालत में विचाराधीन है। अदालत तीनों के गैर जमानती वारंट भी जारी कर चुकी है। सुनवाई के लिए अगली तारीख 18 दिसंबर है। दो पासपोर्ट के मामले में भी पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। दो पैन कार्ड के मामले की पुलिस अभी विवेचना कर रही है। दो पैन कार्ड बनवाने के आरोप में नवेद मियां ने भी अब्दुल्ला के खिलाफ अदालत में परिवाद दायर किया है, जिसमें बहस भी पूरी हो चुकी है। फैसला आना बाकी है। इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 दिसंबर लगी है।
दस्तावेजी सुबूत हैं मजबूत
वरिष्ठ अधिवक्ता शौकत अली खान का कहना है कि हाई कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसका असर इन सभी मामलों पर भी पड़ेगा, क्योंकि यह भी उम्र के विवाद से जुड़े हैं। हाई कोर्ट अब्दुल्ला की उम्र के मामले को फ्राड मान चुका है। स्थानीय अदालतों में चल रहे मुकदमे भी धोखाधड़ी से ही संबंधित हैं। अभियोजन पक्ष सभी मामलों में हाईकोर्ट के फैसले को मजबूत आधार मानते हुए स्थानीय अदालतों में सुनवाई के दौरान पेश कर करेगा। उनका कहना है कि दस्तावेजी सबूत है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।