Ayodhya Ram Mandir : चारों ओर था श्रीराम के भक्तों का सैलाब, लग रहे थे जयकारे
Ayodhya Ram Mandir काफी इंतजार के बाद आज ऐतिहासिक पल आया तो कारसेवकों के दिलों में दफन आंदोलन से जुड़ी कई यादें भी ताजा हो गईं।
मुरादाबाद। राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ की यादें लाखों कारसेवकों के मानस पटल पर ताजा हो रहींं हैं। उनमें से एक है मुरादाबाद निवासी सुमति शर्मा उनके बेटे सुधांशु कौशिक हैं। सुधांशु अपनी माता जी के साथ इस पूरी घटना के साक्षी बने थे।
सुधांशु बताते हैं कि राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में अपनी माता-पिता को सक्रिय भूमिका अदा करते देखते हुए उनका भी मन इस आंदोलन से जुड़ गया। जिसके बाद वह लगातार मुरादाबाद से अयोध्या में होने वाले आंदोलनों में जाते रहे। बताते हैं कि 6 दिसंबर 1992 के ऐतिहासिक क्षण के वह भी साक्षी बने थे। उस समय वह अपनी माता सुमति शर्मा के साथ वहीं पर थे। आगे बताते हैं कि वह अपनी मां के साथ फैजाबाद से अयोध्या के लिए पैदल ही निकल चुके थे। चारों और राम भक्तों का सैलाब था। राधेश्याम, हरिओम वाल्मीकि के साथ मुरादाबाद के अनेक कार सेवक थे। चारों लाखों की संख्या में राम भक्तों का सैलाब दिखाई दे रहा था। गुंबद की चहारदीवारी पर पीएम केंद्रीय पुलिस बल के जवान खड़े थे।