Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर मुद्दे पर मुरादाबाद से जली थी कौमी एकता की मशाल
एमएलसी बोले राममंदिर मुद्दे को लेकर 1982 से ही एकजुटता शुरू हो गई थी। 1984 में श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति से जुड़े थे मु. मुस्तफा।
मुरादाबाद। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को यानी कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही घंटे में आधार शिला रखेंगे। हर ओर राम मंदिर निर्माण की चर्चा जोरों पर है। अयोध्या भी प्रभु श्रीराम के ङ्क्षसघासन पर विराजने को लेकर व्याकुल हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि राम मंदिर निर्माण मुद्दे को लेकर मुरादाबाद ने सबसे पहले कौमी एकता की मिसाल पेश की थी।
इस रोचक प्रसंग के बारे में बताते हुए एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त बताते हैं कि राममंदिर मुद्दे को लेकर सन 1982 से ही एकजुटता शुरू हो गई थी। राम मंदिर निर्माण को लेकर सन 1982 से जनपद में एकजुटता शुरू हो गई थी। संघ के विभाग प्रचारक रहे दिनेश चंद्र त्यागी, दाऊ दयाल खन्ना, दयानंद गुप्ता के नेतृत्व में कड़ी दर कड़ी जुड़ती गई। मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, कैलसा आदि कई शहरों में सम्मेलन हुए। लोग जुड़ते गए। सन 1984 में श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति बनी।
गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ समिति के अध्यक्ष बने। इसी समिति से दाऊ दयाल खन्ना, दिनेश चंद्र त्यागी आदि तमाम लोग सदस्य बने। इसी दौरान इसी समिति से ग्राम ढकिया ब्लाक जोया के प्रधान रहे मु. मुस्तफा भी जुड़े। प्रधान होने के नाते क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ थी। दाऊ दयाल खन्ना के अच्छे मित्रों में उनकी गिनती होती थी। मु. मुस्तफा जब से इस समिति से जुड़े, जीवित रहने तक राम मंदिर मु्द्दे पर अपना योगदान देते रहे। उनकी इस पहल को प्रशंसा भी मिली। डॉ. जयपाल व्यस्त बताते हैं कि इतनी लंबी लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब सभी का सहयोग मिले। खुशी है कि इस मुद्दे को लेकर जिन लोगों ने अलख जगाई थी, आज वह सच होने जा रहा है।