Ayodhya Ram Mandir : मुरादाबाद की माटी से रखी जाएगी राम मंदिर की नींव
शहर के चार प्रमुख मंदिरों में काली मंदिर झाडख़ंडी गंगा मंदिर व 84 घंटा मंदिरों की मिट्टी जुटाई। कोरोना की वजह से अयोध्या न जा सकेंगे लोग मिट्टी व जल दर्ज कराएगा उपस्थिति।
मुरादाबाद। श्री राम मंदिर की नींव में अपने शहर के चार प्रमुख मंदिरों की मिट्टी व रामगंगा और गागन नदी का जल भी डाला जाएगा। विहिप ने जल और मिट्टी को कलश में भरकर अयोध्या के लिए रवाना कर दिया है।
अयोध्या में राम लला के मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां देशभर में तेज हो गई हैं। पांच अगस्त को दिन तय हो गया है। इसके लिए अपने शहर के चार प्रमुख मंदिरों में लालबाग स्थित प्राचीन काली मंदिर, गंगा मंदिर, झाडख़ंडी मंदिर व 84 घंटा मंदिर किसरौल की मिट्टी और रामगंगा और गागन का जल अलग-अलग कलश में रखकर विश्व ङ्क्षहदू परिषद ने शुक्रवार को कूरियर से अयोध्या भेजा है। अपने शहर की मिट्टी व नदियों के जल के मिश्रण से श्री राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। यह क्षण शहर वासियों के लिए किसी गौरव से कम नहीं है।
मुरादाबाद के कार सेवकों ने श्री राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया था, यह उनके सम्मानजनक होगा कि उनके शहर की मिट्टी व जल का श्री राम के मंदिर निर्माण में उपयोग किया जाएगा।
कोरोना महामारी के कारण अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि पूजन में देश भर से करीब 150 से 200 वीवीआइपी व साधु संतों के पहुंचेंगे। अपने शहर के कारसेवक व विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को अयोध्या पहुंचने की अनुमति नहीं है लेकिन अपने शहर की मिट्टी व नदियों के जल उपस्थिति दर्ज कराएगी।
जल और मिट्टी एकत्र करने में इन्होंने निभाई भूमिका
विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष नीरज ङ्क्षसघल, विभाग मंत्री सुभाष चंद्र शर्मा, गौरव भटनागर, वरुण शर्मा, अविनाश गुप्ता, मोहित सक्सेना, अनिल कठेरिया ने मंदिरों, रामगंगा व गागन नदी का जल एकत्र किया।