RTI: बिजली विभाग से मांगे पांच सवालों के जवाब लेकिन, मिला कोरा कागज Amroha news
बिजली विभाग ने आरटीआइ के तहत मांगी सूचनाओं का कोई जवाब नहीं दिया। यहां तक की दर्ज नोटिस की संख्या की भी जानकारी नहीं दी।
अमरोहा, (आसिफ अली)। सूचना का अधिकार कानून यानी आम आदमी के साथ किसी भी सरकारी संस्था के कार्यों की पारदर्शिता। परंतु अमरोहा के बिजली विभाग में यह पारदर्शिता नहीं है। सूचना के अधिकार कानून के तहत पांच बिंदुओं पर मांगी जानकारी का जबाव देने में विभाग ने नियम ताक पर रख दिए। केवल खाली पेपर भेज कर जिम्मेदारी निभा ली।
बिजली विभाग के अफसरों व कर्मियों पर आए दिन अवैध वसूली के आरोप लगते रहते हैं। विभाग के कर्मियों पर साठगांठ कर बाहरी लोग भी विभागीय कर्मी बनकर चेकिंग करने से लेकर अवैध वसूली की शिकायतें आती हैं। वर्ष 2018-19 में चेकिंग व अवैध वसूली का खेल बड़े पैमाने पर हुआ है। अब इस खंड का एक नया कारनामा और सामने आया है। दैनिक जागरण द्वारा खंड से पांच बिंदुओं पर आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी गई थी। इनमें कार्यालय भवन को किराए पर लेने का समय, कितना किराया है, किराए पर लेने से पहले कोई विज्ञापन प्रकाशित किया या नहीं, खंड में कुल कितने नियमित व संविदा कर्मचारी हैं, नोटिस जारी करने के संबंध में डिस्पेच रजिस्टर की संख्या के साथ ही मोबाइल वैन से बिल जमा करने के संबंध जानकारी मांगा जाना शामिल था। विभाग द्वारा भेजा गया जवाब चौंकाने वाला निकला। जवाब में भेजे गए लिफाफे में केवल कोरा कागज था। यानी सभी ङ्क्षबदुओं को लेकर तथ्य छुपाए गए। इस बारे में अधीक्षण अभियंता रजत जुनेजा ने बताया कि यदि आरटीआइ का कोई जवाब नहीं दी गई है तो यह गलत है। संबंधित खंड के एक्सईएन इस संबंध में बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
क्या कहतें हैं अधिकारी
आरटीआइ के जवाब में कोरा कागज भेजना गलत है। हालांकि मुझे अभी इस संबंध में जानकारी नहीं है। भेजे गए जवाब को कार्यालय में डाक के आधार पर दिखवा कर जांच कराएंगे।
अश्वनी चौधरी, एक्सईएन विद्युत वितरण खंड द्वितीय।