फास्टैग प्रभावी होते ही जाम के लपेटे में हाईवे, टोल प्लाजा पर हो रही नोकझोंक Moradabad news
एनएचएआइ के अनुरोध पर ही सड़क मंत्रालय ने इससे पूर्व फास्टैग अनिवार्यता की तारीख को पहली दिसंबर से बढ़ाकर 15 दिसंबर किया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। रविवार से सड़क मार्ग पर फास्टैग सर्विस के प्रभावी होते ही दलपतपुर टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। एनएचएआइ प्रबंधन ने सुबह 8 बजे से यह व्यवस्था लागू कर दी है। यहां बारह ट्रैक से वाहनों का आना जाना होता है। जिसमें आठ रास्ते फास्टैग सर्विस के लिए हैं, जबकि अप और डाउन साइड के चार गलियारे कैश सर्विस के लिए खोले गए हैं। नई व्यवस्था लागू होते ही प्लाजा पर दोनों तरफ करीब पांच सौ मीटर लंबा जाम लग गया है।
टोल पर नोकझोंक जारी
फास्टैग के कारण एक-एक करके गाडिय़ां मुश्किल से खिसक रही हैं। रोजाना लखनऊ-नई दिल्ली हाईवे पर बीस हजार वाहनों का आना-जाना होता है। नई व्यवस्था लागू होने के साथ ही प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी है। जबकि टोल पर सुबह से नोकझोंक जारी है। टोल प्रबंधक पृथ्वी राठी का कहना है कि चालकों को जानकारी दी जा रही है। कैश काउंटर पर थोड़ी भीड़ है। जबकि फास्टैग लाइनें निर्बाध रूप से चल रही हैं।
सरकार ने दी है एक माह की मोहलत
सरकार ने वाहन चालकों को फास्टैग खरीदने और बिना जुर्माने के टोल प्लाजा से निकलने के लिए 30 दिनों की मोहलत दे दी है लेकिन, एनएच पर स्थित सभी टोल प्लाजा को तैयारी के लिहाज से फास्टैग का उपयोग रविवार से अनिवार्य कर दिया गया है। फास्टैग मिलने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने वाहन चालकों को एक महीने की मोहलत दी है। इस दौरान वे टोल प्लाजा के एक-चौथाई लेन में कैश भुगतान कर वहां से गुजर सकेंगे।
सरकार ने एनएचएआइ से कहा है कि वह एक महीने तक कम से कम एक-चौथाई लेन को हाइब्रिड लेन में बदलने की व्यवस्था करे। इसका मतलब यह है कि यदि किसी टोल प्लाजा में आठ लेन हैं तो वहां दो लेन में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के अलावा कैश भुगतान भी स्वीकार्य होंगे। इसी प्रकार जहां 12 लेन हैं वहां तीन लेन कैश के लिए भी खुली होंगी। इन लेन में बिना जुर्माने के कैश में भी टोल का भुगतान स्वीकार किया जाएगा। जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगा होगा, उनके चालक ऐसी लेन में प्रवेश कर नकद में टोल का भुगतान कर सकेंगे। अभी तक केवल एक लेन में ही कैश भुगतान की सुविधा होने से लंबी कतारें लग जाती थीं।
एक माह बाद लगेगा दोगुना जुर्माना
सड़क मंत्रालय ने एनएचएआइ से कहा है कि वाहन चालकों को सुविधा देने के साथ-साथ उसका प्रयास हाइब्रिड लेन की संख्या को कम से कम रखने का होना चाहिए, ताकि लोग जल्दी से जल्दी फास्टैग लेने का प्रयास करें। किसी भी हालत में फास्टैग लेन 75 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। इसके अलावा बिना जुर्माने के कैश भुगतान की सुविधा सिर्फ 30 दिन तक दी जाएगी। उसके बाद कैश लेन में जाने वाले चालकों से दोगुना टोल वसूला जाएगा।
एनएचएआइ के अनुरोध पर सरकार ने दी मोहलत
इससे पहले एनएचएआइ ने मुश्किलें गिनाते हुए सड़क मंत्रालय से फास्टैग अनिवार्यता की तारीख बढ़ाने अथवा 45 दिनों तक एक से अधिक लेन को हाइब्रिड लेन में बदलने की अनुमति मांगी थी। एनएचएआइ का कहना था कि देश में चिप का पर्याप्त उत्पादन नहीं होने से फास्टैग की आपूर्ति मांग के मुकाबले काफी कम है। बीती छह दिसंबर तक देश में रोजाना 1.96 लाख फास्टैग जारी हो रहे थे। फास्टैग में आयातित चिप के उपयोग और उसकी बढ़ती मांग को देखते हुए एनएचएआइ ने पांच-छह दिसंबर को टैग निर्माताओं तथा बैंकों के साथ स्थिति की समीक्षा की। अभी फास्टैग निर्माताओं की कुल दैनिक उत्पादन क्षमता भी अधिकतम 50 हजार टैग बनाने की ही है। निर्माताओं के पास पहले से 18 लाख फास्टैग की आपूर्ति के ऑर्डर पड़े हुए हैं।