अमरोहा के किसान की बेटी ने चीन तक लगाई कामयाबी की छलांग Amroha news
गरीबी में पली-बढ़ी हिमादास हो या फिर कुश्ती के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाली फोगट बहनें। उनकी राह पर अमरोहा की सोनम सिरोही भी चल पड़ी हैं। किसान माता-पिता की बेटी सोनम ट्रिपल जंप के अपने जुनून को सीढ़ी बनाकर कामयाबी के शिखर पर पहुंची हैं।
By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 01:59 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 01:15 PM (IST)
आसिफ अली, अमरोहा। बेटी को पढ़ा-लिखा कर शादी करने के बाद चूल्हा-चौका तक सीमित रखना अब पुरानी बात हो गई है। बेटियां हर क्षेत्र में अपना व परिजनों का नाम रोशन कर रही हैं। गरीबी में पली-बढ़ी हिमादास हो या फिर कुश्ती के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाली फोगट बहनें। उनकी राह पर अमरोहा की सोनम सिरोही भी चल पड़ी हैं। किसान माता-पिता की बेटी सोनम ट्रिपल जंप के अपने जुनून को सीढ़ी बनाकर कामयाबी के शिखर पर पहुंची हैं। चीन में हुई वर्ल्ड पुलिस एथलेटिक्स प्रतियोगिता में उन्होंने भारत को गोल्ड व सिल्वर मेडल दिलाकर खुद की प्रतिभा को साबित कर दिया है। संसाधनों के अभाव में कॅरियर की शुरुआत करने वाली पूनम भविष्य में भी दुनियाभर में भारत का डंका बजाने के लिए तैयार हैं।
जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी. दूर रजबपुर कस्बे के पास स्थित गांव मोहम्मदपुर में किसान राजवीर सिंह का परिवार रहता है। मध्यम वर्गीय किसान राजवीर सिंह के परिवार में पत्नी सुनीता देवी, बेटी रूबी, बेटा अंकित सिरोही व छोटी बेटी सोनम सिरोही हैं। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। अंकित व सोनम की पढ़ाई-लिखाई में किसान माता-पिता ने किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी। सोनम सिरोही ने रजबपुर स्थित नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की तथा किशन सिंह मेमोरियल डिग्री कॉलेज चोटीपुरा से बीए किया। कक्षा 11 तक सोनम ट्रिपल जंप को जानती तक नहीं थीं। बताती हैं कि स्कूल की एक छात्रा ट्रिपल जंप की प्रैक्टिस कर रही थी। उसे देख कर मैंने भी वहां प्रैक्टिस शुरू कर दी। पीटीआइ कुलदीप सिंह ने देखा तो उन्होंने नियमित अभ्यास शुरू करा दिया। उसके बाद ट्रिपल जंप का सफर शुरू हो गया। मंडल स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर मेडल जीते। स्कूल में अभ्यास के लिए कभी ईंट की दीवार बनाते थे तो कभी रस्सी के सहारे अभ्यास करते थे। उपयुक्त संसाधन मौजूद नहीं थे। बताया कि कक्षा 12 के अंत में पैर में चोट लग गई थी। एक साल तक खेल से दूर रही। ऐसा लगता था कि अब कभी मैदान पर वापसी नहीं कर पाऊंगी लेकिन, ट्रिपल जंप जुनून बन चुका था। 2016 में ठीक होने के बाद मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम में कोच रणदीप सिंह के संपर्क में आई तो उन्होंने हौसला दिया। माता-पिता से प्रैक्टिस के लिए मुरादाबाद में रहने के लिए कहा। बेटी के जुनून को देख कर उन्होंने अनुमति दे दी। क्षेत्र की ही रहने वाली चार अन्य खिलाडिय़ों के साथ दो साल तक मुरादाबाद में रहकर नियमित अभ्यास किया। वर्ष 2018 में कोच के माध्यम से गुवाहटी में हुई नेशनल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। सोनम ने बताया कि जुलाई 2018 में बीएसएफ में बतौर सिपाही भर्ती हुई तो वहां अभ्यास के लिए नया प्लेटफार्म मिला। वर्तमान में गुजरात के गांधीनगर में तैनात सोनम ने बीएसएफ की तरफ से चीन के चेंगडू में हुई वर्ल्ड पुलिस एथलेटिक्स प्रतियोगिता में गोल्ड व सिल्वर मेडल जीतकर अपना नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। उन्होंने बताया कि कॅरियर की शुरुआत में संसाधनों का अभाव था। मेहनत व परिजनों का सहयोग इस मुकाम तक लाने में मददगार रहा है।
खुशी से रोने लगे माता-पिता
दुनिया के सामने नाम रोशन कर घर लौटी बेटी के गले में दो मेडल देख कर माता-पिता की आंखें आंसू से भीग गईं। किसान राजवीर सिंह दसवीं तक पढ़े हैं तथा पत्नी सुनीता देवी गृहणी हैं। उन्होंने कभी भी बेटी को आगे बढऩे से नहीं रोका। गुरुवार को जब सोनम सिरोही घर पहुंची को उसे गले लगाकर माता-पिता खुद के आंसू नहीं रोक सके। राजवीर सिंह ने कहा कि बेटी ने मेरा नाम दुनिया में रोशन किया है। मुझे सोनम पर गर्व है।
परिवार के लिए दोहरी खुशी लाया था 2018
वर्ष 2018 का जुलाई माह किसान राजवीर सिंह के लिए दोहरी खुशी लेकर आया था। 11 जुलाई 2018 को अंकित सिरोही का उत्तर प्रदेश पुलिस में चयन हुआ को परिजन खुशी से झूम उठे। वर्तमान में उनकी तैनाती लखनऊ के वजीरगंज थाने में है। ठीक दो दिन बाद 13 जुलाई को सोनम सिरोही का चयन बीएसएफ में हो गया था।
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