Almora Marchula Accident : नदी में डूबे पिता और पुत्र का नहीं लग पाया सुराग, उत्तराखंड से खाली हाथ लौटा परिवार
रविवार को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के मरचूला नदी में नहाने के दौरान पिता के साथ ही पुत्र अचानक पानी बहाव की चपेट में आने से डूब गए थे। सोमवार को एसडीआरएफ ने दिनभर दोनों के शव खोजने के लिए नदी में अभियान चलाया।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रविवार को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के मरचूला नदी में नहाने के दौरान पिता के साथ ही पुत्र अचानक पानी बहाव की चपेट में आने से डूब गए थे। सोमवार को एसडीआरएफ ने दिनभर दोनों के शव खोजने के लिए नदी में अभियान चलाया, लेकिन देर शाम तक दोनों में से किसी का शव बरामद नहीं हो सका। वहीं, इस घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में हैं। देर शाम परिवार वापस मुरादाबाद के घर में आ गया।
मझोला थाना क्षेत्र के खुशहालपुर के पूनम विहार ऊषा टावर के पास रहने वाले राजेश कुमार अपने पत्नी मोनिका व दो बच्चों के साथ उत्तराखंड के गर्जिया देवी के दर्शन करने गए थे। मंदिर बंद होने के कारण वह मरचूला घूमने चले गए थे। इसी दौरान नदी के बहाव में राजेश कुमार व उनका आठ वर्षीय पुत्र कार्मिक अचानक पानी बढ़ने से बह गए थे। मूलरूप से राजेश का परिवार हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर स्थित राजीव नगर का रहने वाला है। इस घटना के बाद मुरादाबाद से लेकर गढ़मुक्तेश्वर स्थित उनके पैतृक आवास में सन्नाटा पसरा हुआ है। सोमवार देर शाम मझोला थाना क्षेत्र स्थित पूनम विहार आवास में पत्नी मोनिका,बेटी आदृति के साथ ही पूरा परिवार वापस आ गया। आसपास के लोगों को जैसे ही परिवार की जानकारी हुई, सभी लोगों ने घर पहुंचकर परिवार को सांत्वना देने का काम किया, वहीं इस घटना के बाद पूरा परिवार सदमें हैं।
बेटी की निगाह पिता को तलाशती रही, बाबा देते रहे दिलासा : बेटे और पोते को खोने के बाद पिता रामऔतार के आखों के आंसू सूख गए। घर आने के बाद वह राजेश की आठ माह की बेटी आदृति को गोदी में लेकर घर पर बहलाते रहे, लेकिन आदृति की निगाह एक टक होकर केवल पिता को तलाश रही थी। वहीं घर पहुंचने के बाद पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। घर पहुंचते ही अचानक पत्नी मोनिका की तबीयत खराब हो गई, इसके बाद रिश्तेदारों ने संभाला। मृतक राजेश के पिता रामअवतार ने बताया कि वह बीते वर्ष स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। बेटा राजेश और बहू मोनिका के साथ ही उनके दोनों बच्चे गढ़मुक्तेश्वर स्थित राजीव नगर के आवास में साथ में रहते थे। वहीं लॉकडाउन के बाद बेटे ने मेरठ के जागृति नगर में जनरल स्टोर की दुकान खोली थी। वह प्रतिदिन गढ़मुक्तेश्वर से ही कार से मेरठ आना-जाना करता था।
एक हफ्ते पहले पुलिस ने बार्डर से लौटाया था : पिता ने बताया कि दो दिनों के लॉकडाउन के दौरान अक्सर उनका बेटा पत्नी और बच्चों को घुमाने ले जाता था। बीते सप्ताह भी वह गर्जिया देवी के दर्शन करने के लिए निकला था। लेकिन, ठाकुरद्वारा बार्डर से उत्तराखंड पुलिस ने कोरोना की जांच रिपोर्ट न होने के कारण लौटा दिया था। इसके बाद वह वापस घर आ गया था।
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