Coronavirus side effect : इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करने के लिए हर तरीका अपना रहे लोग Sambhal News
कोरोना ने सब कुछ बदल दिया है। कुछ समय पहले तक लोग इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने वाली चीजों के नाम तक कम जानते थे अब वहां एक से एक चीजें सामने आ रही हैं।
सम्भल, जेएनएन। कोरोना ने सब कुछ बदल दिया है। कुछ समय पहले तक लोग इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने वाली चीजों के नाम तक कम जानते थे अब वहां एक से एक चीजें सामने आ रही हैं। ये सब चीजें कई बार इंसानों के सामने से गुजरी लेकिन कभी लोगों ने इसकी जरूरत नहीं महसूस की। कोरोना ने सब कुछ याद दिला दिया। विदेशी से हम देसी पर आ गए। आयुर्वेदिक की तरफ इंसान लौट आया। जो भी जरूरी है वह सब इंसान कर रहा है। शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम कैसे बढ़े इसके लिए सजग, सतर्क और जागरूक इंडिया ने कदम बढ़ा दिया है। गिलोय से जुड़े सामान हो या आंवले से। सबकी डिमांड मार्केट में अचानक से उछाल पा चुकी है। ये सामान देसी कंपनियां ज्यादा बनाती हैं ऐसे में लोगों ने देसी कंपनियों को ही तवज्जो देना शुरू कर दिया है।
आपूर्ति हो गई दोगुनी
बाजार विशेषज्ञों की माने सामान की आपूर्ति ने दोगुने की रफ्तार पकड़ी है। जिस सामान के ग्राहक मार्च तक यदा कदा मिलते थे उन सामान तक की अप्रैल व मई में किल्लत आ गई। फरवरी व मार्च माह में इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक चीजों की डिमांड कम थी लेकिन लॉक डाउन के समय से अचानक से इसमें उछाल आ गया। इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने वाली दवा या सिरप की बिक्री दोगुनी से तिगुनी हो गई है। कुछ चीजें तो ऐसी हैं जो मार्केट में किल्लत से जूझ रही हैं। अवधेश वाष्र्णेय, मेडिकल स्टोर संचालक आंवले पाउडर सौ ग्राम 25 रुपये पहले एक माह में 50 डिब्बे बिकते थे। अब दुगुना हो गया है। यानी सौ डिब्बा बिक रहा है। आंवले रस एक लीटर 130 से 170 रुपये पहले यह 70 से 80 बोतल बिक जाता था। जबकि अब यह 150 बोतल से भी ज्यादा बिक रहा है। गिलोय का रस 500 एमएल 90 से 150 रुपये पहले का 40 से 60 बिकते थे अब इसकी बिक्री ने उछाल पकड़ा है। यह 200 बोतल मई माह में बिक चुका है। सबसे ज्यादा इसकी डिमांड है।
गिलोय टेबलेट की डिमांड
गिलोय टेबलेट 60 टेबलेट 100 रुपये की टेबलेट पहले यह नाम मात्र की बिकती थी। अब इसकी डिमांड खूब आ रही है लेकिन यह मार्केट में नहीं है। मिल नहीं रहा है। अश्वगंधा सौ ग्राम 56 से लेकर 80 रुपये पहले अश्वगंधा की शीशी भी 30 से 40 तक था लेकिन अब 150 से ज्यादा हो चुका है। च्यवनप्रास एक किलोग्राम - 260 से 350 रुपये पहले इसकी बिक्री भी जमकर होती थी लेकिन अब बिक्री पूरी तरह से डबल हो गई है। हालांकि च्यवनप्रास भी की डिलेवरी कम हो पा रही है।